दून अस्पताल में सामने आ रही संवेदनहीनता और बदइंतजामी की कहानियां, इमरजेंसी से यहां-वहां ठेले जा रहे मरीज

कोरोनाकाल में मिसाल बनकर उभरे दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अब एकाएक संवेदनहीनता और बदइंतजामी की कहानियां सामने आ रही हैं। यहां हाल में दो ऐसी घटनाएं हुई हैं जिन्होंने पूरे सिस्टम को ही शर्मसार कर दिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:10 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:10 PM (IST)
दून अस्पताल में सामने आ रही संवेदनहीनता और बदइंतजामी की कहानियां, इमरजेंसी से यहां-वहां ठेले जा रहे मरीज
दून अस्पताल में सामने आ रही संवेदनहीनता और बदइंतजामी की कहानियां।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनाकाल में मिसाल बनकर उभरे दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अब एकाएक संवेदनहीनता और बदइंतजामी की कहानियां सामने आ रही हैं। यहां हाल में दो ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने पूरे सिस्टम को शर्मसार कर दिया। पहले मामले में मरीज की सांस उखड़ती रही, मगर चिकित्सक उसे देखने तक नहीं आया। वहीं, दूसरे मामले में चिकित्सकों ने एक बुजुर्ग को देखा तक नहीं। आइसीयू कोविड के लिए रिजर्व होना बताकर मरीज को कहीं और ले जाने के लिए कह दिया। इसकी शिकायत प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना तक भी पहुंची है। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही एक वरिष्ठ चिकित्सक से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

बुधवार शाम शिवम नाम के एक व्यक्ति को हृदय संबंधी दिक्कत होने पर अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। यहां उनका ईसीजी कराया गया तो रिपोर्ट असामान्य दिखी। इस पर इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) ने संबंधित चिकित्सक को फोन किया, मगर चिकित्सक ने रिपोर्ट सामान्य बताकर आने से मना कर दिया। प्राचार्य तक शिकायत पहुंची तो घंटों बाद सिस्टम हरकत में आया और मरीज को आइसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।

इसी तरह एक बुजुर्ग के इलाज में भी चिकित्सकों ने लापरवाही बरती। इमरजेंसी में पहुंचे बुजुर्ग को किसी चिकित्सक ने देखा तक नहीं। अस्पताल में 104 आइसीयू बेड हैं, जिनमें महज आठ मरीज भर्ती हैं, लेकिन, उन्हें यह कहकर भर्ती नहीं किया गया कि आइसीयू केवल कोविड के लिए है। थक-हारकर तीमारदार उन्हें एक निजी अस्पताल में ले गए।

तीन दिन पूर्व भी एक महिला के इलाज में चिकित्सकों ने लापरवाही बरती थी। इतना ही नहीं, तीमारदारों को भला-बुरा भी कहा गया। इलाज नहीं मिलने पर तीमारदार महिला को निजी अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। प्राचार्य का कहना है कि लापवाही किसी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है और इसी आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

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