बिजली की चोरी रोकने को रुड़की और हल्द्वानी से शुरू होगी स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बिजली की चोरी रोकने के लिए सभी प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देशों को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। पहले चरण में दो शहरों रुड़की और हल्द्वानी से यह योजना शुरू की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:05 AM (IST)
बिजली की चोरी रोकने को रुड़की और हल्द्वानी से शुरू होगी स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम
बिजली की चोरी रोकने को रुड़की और हल्द्वानी से शुरू होगी स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बिजली की चोरी रोकने के लिए सभी प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देशों को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। पहले चरण में दो शहरों रुड़की और हल्द्वानी से यह योजना शुरू की जाएगी। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने स्मार्ट मीटर के संबंध में उक्त प्रस्ताव ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में बिजली चोरी पर अंकुश लगाने की चुनौती ऊर्जा निगम के सामने है। हालांकि बीते वर्षों में इस दिशा में किए गए प्रयासों को कुछ हद तक कामयाबी भी मिली है। चालू वित्तीय वर्ष में लाइन लास में एक फीसद कमी आई है। बावजूद इसके कुछ स्थानों पर लाइन लास कम करने की चुनौती बरकरार है। इसीवजह से मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर दिया था। इस दिशा में काम प्रारंभ कर दिया गया है।

ऊर्जा सचिव राधिका झा के मुताबिक पहले चरण में दो शहरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इन शहरों से मिले फीडबैक के आधार पर राज्य के अन्य शहरों में भी इस योजना को लागू किया जाएगा। पहले चरण में रुड़की और हल्द्वानी में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा। रुड़की में तकरीबन ढाई लाख और हल्द्वानी में सवा लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ने की योजना है। इसके बाद अन्य स्थानों में भी इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उक्त दोनों शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए डीपीआर बनाने का काम जारी है। ऊर्जा निगम इस काम को अंजाम देने में जुटा हुआ है। रुड़की के लिए डीपीआर तकरीबन तैयार हो चुकी है। हल्द्वानी में भी यह कार्य निरंतर चल रहा है। ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में इन प्रस्तावों पर मुहर लगने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लाइन लास कम करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। बीते चार वर्षों में बिलिंग दक्षता में चार फीसद की वृद्धि हो चुकी है। बकाया बिलों की वसूली को ऊर्जागीरी मुहिम के अच्छे नतीजे रहे हैं।

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