हरिद्वार में कैंपा की मदद से थमेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार में 2021 में होने वाले महाकुंभ के दौरान वन्यजीव परेशानी का सबब न बनें इसके लिए कैंपा (कंपनसेट्री एफारेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) संबल देगा।

By Edited By: Publish:Fri, 03 Jan 2020 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jan 2020 03:53 PM (IST)
हरिद्वार में कैंपा की मदद से थमेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष, पढ़िए पूरी खबर
हरिद्वार में कैंपा की मदद से थमेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार में 2021 में होने वाले महाकुंभ के दौरान वन्यजीव परेशानी का सबब न बनें, इसके लिए कैंपा (कंपनसेट्री एफारेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) संबल देगा। 

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैंपा संचालन समिति की बैठक में तय हुआ कि महाकुंभ के दृष्टिगत हरिद्वार में मानव- वन्यजीव संघर्ष थामने को ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस मौके पर वर्ष 2020-21 के लिए कैंपा की 250 करोड़ की कार्ययोजना भी अनुमोदित की गई, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष के अलावा नैनीताल की शिप्रा और पौड़ी जिले की खोह व नयार नदियों के पुनर्जीवीकरण की कार्ययोजना भी शामिल की गई है। 
हरिद्वार में आबादी वाले इलाकों में वन्यजीवों की धमक ने विभाग से लेकर सरकार तक की नींद उड़ाई हुई है। शुक्रवार को कैंपा की वार्षिक कार्ययोजना के अनुमोदन के लिए बुलाई गई बैठक में भी यह मसला प्रमुखता से उठा। निर्णय लिया गया कि महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए हाथियों पर रेडियो कॉलरिंग समेत अन्य गतिविधियां कैंपा वित्त पोषित करेगा। इसे कैंपा की आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया। 
कैंपा की आगामी कार्ययोजना में जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए कई कदम उठाए जाएंगे। साथ ही कोसी नदी की भांति नैनीताल की एक और पौड़ी जिले की दो नदियों का पुनर्जीवीकरण भी शामिल किया गया है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बुग्यालों (हरी घास के मैदान) के संरक्षण को कैंपा फंड से विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा क्षतिपूरक पौधारोपण से संबंधित मामलों में जो भी बैकलॉग है, उसे दो साल के भीतर पूरा करने और जलसमेट क्षेत्रों के ट्रीटमेंट पर ध्यान देने को कहा गया। 
बैठक में प्रमुख सचिव वन आनंद व‌र्द्धन, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जय राज, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी, कैंपा के सीईओ डॉ. समीर सिन्हा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। कम खर्च वाले प्रभागों पर कार्रवाई राज्य में कैंपा फंड से वन प्रभागों को बजट तो जारी किया जा रहा, मगर इसे खर्च करने की रफ्तार बेहद धीमी है। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव ने भी कैंपा पोषित विभिन्न कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। बैठक में बताया गया कि कैंपा फंड ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत 200 करोड़ की कार्ययोजना में से लगभग 150 करोड़ रुपये अब तक विभिन्न वन प्रभागों को जारी किए जा चुके हैं। 
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इस राशि का अभी तक केवल 31 फीसद हिस्सा ही व्यय हो पाया है। सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी वन प्रभागों में कैंपा फंड से हुए कार्यों की गहन समीक्षा कर ली जाए। कम खर्च वाले प्रभागों को चिह्नित कर जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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