कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा- कौड़ि‍याला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग बनाएं

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी में होने वाले भू-स्खलन को देखते हुए कौड़ि‍याला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस मार्ग का सर्वे करते हुए जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने को कहा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:55 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:55 AM (IST)
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा- कौड़ि‍याला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग बनाएं
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा- कौड़ि‍याला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग बनाएं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी में होने वाले भू-स्खलन को देखते हुए कौड़ि‍याला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस मार्ग का सर्वे करते हुए जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि तोताघाटी में भूस्खलन के दौरान वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल कर जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है। उन्होंने नरेंद्र नगर से होकर गुजरने वाले बदरीनाथ व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए हैं।

बुधवार को कैबिनेट मंत्री व नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग, लोक निर्माण विभाग व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 58 और गंगोत्री जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 94 नरेंद्र नगर से होकर गुजरता है। इस मार्ग से गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र के लिए भी आवागमन होता है। बरसात के कारण यह मार्ग काफी खराब हो गया है। इससे इन मार्गों से निकलने वाले लिंक मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। पेयजल लाइन व सिंचाई की व्यवस्था प्रभावित हुई।

उन्होंने अधिकारियों से इन्हें को तुरंत दुरुस्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई जगह डेंजर जोन बन गए हैं। इन्हें चिह्नित करते हुए इनकी मरम्मत की जाए। जहां काम हो रहे हैं, वहां फंसे हुए बोल्डर चिह्नित किए जाएं ताकि इन्हें सुरक्षित तरीके से हटाया जा सके।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने चारधाम मार्ग पर जगह-जगह बनने वाले डंपिंग यार्ड से होने वाले खतरों की ओर भी अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कई जगह ये डंपिंग जोन खिसक रहे हैं। इससे पास के गांवों को खतरा पैदा हो रहा है। इनसे झील बनने की आशंका भी है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी की अध्यक्षता में एक मूल्यांकन समिति बनाने के निर्देश दिए, ताकि ऐसे खतरों को चिह्नित किया जा सके।

उन्होंने टिहरी तपोवन सड़क के चौड़ीकरण के कारण आने वाली दिक्कतों को देखते हुए ब्लाक प्रमुख, एसडीएम और सड़क सुरक्षा संगठन के अधिकारियों की एक समिति बनाने को कहा, जो समस्याओं के निस्तारण को कदम उठाएगी। उन्होंने सड़कों के चौड़ीकरण के लिए भूअधिग्रहण के लंबित मुआवजा प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने के भी निर्देश दिए।

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