कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में भूकंप संवेदनशील भवनों को बनाया जाएगा मजबूत

उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से संवेदनशील स्कूलों अस्पतालों जिलाधिकारी कार्यालय तहसीलों और पुलिस स्टेशनों के पुराने भवनों का सर्वे किया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 06:07 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 08:45 PM (IST)
कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में भूकंप संवेदनशील भवनों को बनाया जाएगा मजबूत
कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में भूकंप संवेदनशील भवनों को बनाया जाएगा मजबूत

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में भूकंप के लिहाज से संवेदनशील स्कूलों, अस्पतालों, जिलाधिकारी कार्यालय, तहसीलों और पुलिस स्टेशनों के पुराने भवनों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे में चिह्नित भवनों की मरम्मत कर उन्हें भूकंप या आपदा के लिहाज से सुरक्षित बनाया जाएगा। इस कार्य पर पांच साल में 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बुधवार को मंत्रिमंडल ने इस संबंध में प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी।

वहीं, गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले 47993 आवासों के निर्माण में भूमि के संकट का हल सरकार ने ढंढ़ निकाला है। इन भवनों के निर्माण को अब कृषि भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड नगर नियोजन एवं विकास (प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित परियोजनाओं में भू उपयोग परिवर्तन) नियमावली को मंजूरी दी है। अन्य अहम फैसले में मंत्रिमंडल ने स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट नीति में संशोधन पर मुहर लगाई। अब स्टोन क्रशरों को खनन के पट्टे भी मिल सकेंगे। 

त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में गरीबों, किसानों, युवाओं, कार्मिकों, आयुष चिकित्सकों, कारखाना मालिकों और श्रमिकों के हित में फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने कुल 30 बिंदुओं पर विचार किया। इनमें से दो बिंदु स्थगित किए गए, इन्हें मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखा जाएगा। मंत्रिमंडल ने आपदा के प्रति संवेदनशील उत्तराखंड में भवनों खासतौर पर सरकारी भवनों को दुरुस्त करने के फैसले को मंजूरी दी। दरअसल संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। 

120 वर्षों में इस क्षेत्र में छह विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं। 1991 व 1999 में उत्तरकाशी व चमोली जिलों में भूकंप के चलते जानमाल का काफी नुकसान हुआ था। इसे देखते हुए राज्य में भूकंप व आपदा के मद्देनजर संवेदनशील भवनों की घातकता का सर्वे किया जाएगा। 11 माह में सर्वे पर 3.73 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सर्वे के लिए 62 पदों के ढांचे को मंजूरी दी।

इनमें सहायक अभियंता व अवर अभियंता के 30-30 पद व संयोजक व सहायक संयोजक के एक-एक पद शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने उच्च भूकंप जोखिम को कम करने की कार्ययोजना के तहत पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। इस पांच वर्षीय कार्यक्रम में 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 100 करोड़ की राशि भवनों को मरम्मत के जरिए भूकंप व आपदारोधी बनाने पर खर्च होंगे। शेष 50 करोड़ स्टाफ के वेतन आदि पर खर्च किए जाएंगे। 

कैबिनेट के कुछ अन्य फैसले 

-प्रधानमंत्री आवास योजना में कृषि भूमि का भू उपयोग बदलने की नियमावली को मंजूरी, कृषि भू उपयोग बदलने पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे कमेटी देगी रिपोर्ट

-आपदा संवेदनशील भवनों के सर्वे को 3.73 करोड़ बजट, 

-उच्च भूकंप न्यूनीकरण के लिए एकीकृत सुरक्षा कार्यक्रम को मंजूरी 

-स्टोन क्रेशर का हॉट मिक्स प्लांट नीति का निर्माण, स्थापना शूल्क में बढ़ोत्तरी।

-उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम में संशोधन के तहत कृषि, बागवानी, वृक्षारोपण, मत्स्य पालन में 30 वर्षों के  लिए दिया जा सकेगा पट्टा

-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के गैर तकनीकी निस्संवर्गीय पदों समेत ग्राम्य विकास विभाग में 604 पदों का होगा समायोजन

-उत्तराखंड जैविक कृषि विधेयक पर लगी मुहर 

-उत्तराखंड नर्सरी एक्ट, फल पौधशाला विधेयक के तहत निरीक्षण जांच एवं प्रोत्साहन की व्यवस्था

-होम स्टे योजना ऋण को स्टांपमुक्त करने के लिए प्रतिपूर्ति व्यवस्था।

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