'बूथ जीता-चुनाव जीता' होगा भाजपा का मूलमंत्र

विधानसभा चुनाव के लिए भले ही करीब सवा साल का वक्त हो लेकिन प्रदेश भाजपा अभी से इसकी तैयारियों मेंं जुट गई है। 2017 के विधानसभा चुनाव की भांति इस बार भी बूथ जीता-चुनाव जीता के मूलमंत्र को धरातल पर उतारा जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:54 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 01:54 PM (IST)
'बूथ जीता-चुनाव जीता' होगा भाजपा का मूलमंत्र
विधानसभा चुनाव के लिए सवा साल का वक्त हो, लेकिन प्रदेश भाजपा अभी से इसकी तैयारियों मेंं जुट गई है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव के लिए भले ही करीब सवा साल का वक्त हो, लेकिन प्रदेश भाजपा अभी से इसकी तैयारियों मेंं जुट गई है। 2017 के विधानसभा चुनाव की भांति इस बार भी 'बूथ जीता-चुनाव जीता' के मूलमंत्र को धरातल पर उतारा जाएगा। इस कड़ी में बूथ इकाइयों को सशक्त बनाने पर फोकस किया गया है। बूथ के कार्यकर्त्ताओं को मंडल इकाइयों के पदाधिकारी प्रशिक्षित करेंगे। प्रत्येक बूथ इकाई के कार्यकर्त्ता अपने-अपने बूथों के अंतर्गत आने वाले मतदाताओं के निरंतर संपर्क में रहेंगे। साथ ही उन्हें राज्य व केंद्र सरकारों की उपलब्धियों की जानकारी देंगे।

उत्तराखंड में वर्ष 2014 से भाजपा विजय रथ पर सवार है। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी ने राज्य की सभी पांचों सीटों पर जीत दर्ज हासिल की थी। इसके बाद तो पार्टी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर इतिहास रचा। विधानसभा की 70 सीटों में से 57 पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इसके बाद नगर निकाय, त्रिस्तरीय पंचायत व सहकारिता चुनावों में भी भाजपा ने परचम लहराया। यही नहीं, 2019 में भाजपा ने एक बार फिर लोकसभा की पांचों सीटों पर कब्जा बरकरार रखकर इतिहास रचा।

अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के सामने अपने इस प्रदर्शन को बनाए रखने की चुनौती है। इसे देखते हुए भाजपा संगठन अभी से सक्रिय हो गया है। इसके लिए सरकार से लेकर संगठन तक सभी की भागीदारी तय की गई है। मंत्रियों के लिए जिलों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों का नियमित रूप से दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पार्टी पदाधिकारियों ने भी जिलों के दौरे शुरू कर दिए हैं।

इसके अलावा मतदाताओं तक अधिकाधिक पहुंच के लिए बूथ इकाइयों को अधिक सक्रिय करने पर भाजपा का फोकस है। असल में, बूथ इकाइयों की ही मतदाताओं तक सीधी पैंठ होती है। बूथ के कार्यकर्त्ताओं को किस तरह से पार्टी की रीति-नीति के साथ ही राज्य व केंद्र सरकारों की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाना है, इस बारे में उन्हें मंडल इकाइयों के पदाधिकारी प्रशिक्षित करेंगे। पार्टी की 252 मंडल इकाइयों के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। इसके तहत 20 हजार से अधिक कार्यकर्त्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो बूथ इकाइयों के लिए संदर्भव्यक्ति के तौर पर कार्य करेंगे।

बंशीधर भगत (प्रदेश अध्यक्ष भाजपा) का कहना है कि‍ भाजपा, उत्तराखंड की जनता के दिलों में बसी है और पिछले छह वर्षों से वह पार्टी के प्रति अपना स्नेह निरंतर बनाए हुए है। आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता एक बार फिर भाजपा को प्रचंड बहुमत सौंपने जा रही है।

chat bot
आपका साथी