पुस्तक अध्ययन से होता है ज्ञान और व्यक्तित्व विकास: चौहान

विकासनगर वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:41 PM (IST)
पुस्तक अध्ययन से होता है ज्ञान और व्यक्तित्व विकास: चौहान
पुस्तक अध्ययन से होता है ज्ञान और व्यक्तित्व विकास: चौहान

जागरण संवाददाता, विकासनगर: वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में बतौर मुख्य अतिथि विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। दो दिवसीय पुस्तक मेला राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) की ओर से नोडल अधिकारी डा. राकेश मोहन नौटियाल के नेतृत्व में लगाया गया।

विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने उद्घाटन अवसर पर छात्र-छात्राओं को पुस्तक के महत्व, उपयोगिता और प्रयोग के बारे में विस्तार से समझाया। कहा कि हमारा ज्ञान ही हमारी पहचान होती है। हमारे व्यक्तित्व का विकास हमारे ज्ञान और व्यवहार पर निर्भर करता है। विधायक मुन्ना चौहान ने कहा कि ज्ञान और व्यक्तित्व का विकास अच्छी पुस्तकों के संपर्क में आने से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक इंटरनेट व गूगल के जमाने में पुस्तकें डाउनलोड करके मोबाइल या कंप्यूटर में पढ़ी तो जा सकती हैं, कितु इनका सहयोग दूरगामी व लाभदायक सिद्ध नहीं होता है। ऐसा करने से आंखों को नुकसान व नींद का ह्रास होना संभव है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मित्र है, इससे जितनी मित्रता निभाएंगे, उतना ही ज्ञान बढ़ेगा। पुस्तक मेले में 10 प्रकाशकों के सहयोग से करीब 25 हजार पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया। प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर आरएस गंगवार की अध्यक्षता व हिदी विभाग के विभाग प्रभारी डा. अरविद कुमार अवस्थी के संचालन में चले कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने पुस्तक अध्ययन के फायदे गिनाए। जंतु विज्ञान विभाग के विभाग प्रभारी डा. दिलीप कुमार भाटिया की ओर से लिखी गई पुस्तक पशु शरीर क्रिया विज्ञान और अंत:स्त्राविका का विमोचन विधायक मुन्ना सिंह ने किया। पुस्तक डा. राकेश मोहन नौटियाल ने रचित पुस्तक गौमाता राष्ट्रमाता के ध्वजवाहक गोपाल मणि, एक ऐतिहासिक वैचारिक यात्रा विधायक को भेंट की। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर आर एस गंगवार ने कहा कि पुस्तकों का स्थान मानव जीवन में सर्वोपरि है, क्योंकि इंटरनेट से डाउनलोड की गई पुस्तकें यद्यपि सरलता से उपलब्ध तो हो जाती हैं, कितु संरक्षित पुस्तकें सालों साल तक सहजता के साथ हमारा साथ निभाती रहती हैं।

पुस्तक मेले में महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. विजय सिंह नेगी, डा. राखी डिमरी, डा. रोशन केष्टवाल, डा. आशाराम बिजलवान, डा. नीलम ध्यानी, डा. माधुरी रावत, डा. राजकुमारी भंडारी, डा. पूजा राठौर, डा. अमित गुप्ता, डा. पूजा पालीवाल, डा. निरंजन प्रजापति, मीडिया प्रभारी डा. दीप्ति बगवाड़ी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मनमोहन सिंह, सोनी डिमरी, मीनाक्षी शर्मा, अशोक कंडारी, बलबीर पंवार, दीपक बिष्ट, जगदंबा, नरेंद्र, आवेश, राहुल, अनिल, निशांत, मुस्कान, लक्ष्मी, रविता, राकेश, संगीता, नेहा, विनीता आदि मौजूद रहे।

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