कंजूस मक्खीचूस की शूटिंग को ऋषिकेश पहुंचे कुणाल खेमू, बोले- फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है तीर्थनगरी

अभिनेता कुणाल खेमू (Kunal Khemu) तीर्थनगरी पहुंचे। यहां उन्होंने होटल में पहाड़ी व्यंजन का लुत्फ उठाया। इस दौरान उन्होंने तीर्थनगरी को फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने वाला बताया। दरअसल वे यहां फिल्म कंजूस मक्खीचूस की शूटिंग के लिए पहुंचे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 02:57 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 02:57 PM (IST)
कंजूस मक्खीचूस की शूटिंग को ऋषिकेश पहुंचे कुणाल खेमू, बोले- फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है तीर्थनगरी
कंजूस मक्खीचूस की शूटिंग को ऋषिकेश पहुंचे कुणाल खेमू।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। हिंदी फिल्म कंजूस मक्खीचूस (Kanjoos Makhichoos) की शूटिंग के लिए अभिनेता कुणाल खेमू (Kunal Khemu) तीर्थनगरी पहुंचे। यहां उन्होंने होटल में पहाड़ी व्यंजन का लुत्फ उठाया।  इस दौरान उन्होंने तीर्थनगरी को फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने वाला बताया।

देहरादून रोड स्थित होटल अमेरिश में इन दिनों कई फिल्मी हस्तियां ठहरी हुई हैं। अभिनेता कुणाल खेमू शुक्रवार को यहां अपने प्रशंसकों से मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। तीर्थनगरी योग और आध्यात्म के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां फिल्मों के लिए बेहतरीन लोकेशन हैं। इसलिए यह फिल्म निर्माताओं की पसंदीदा जगहों पर एक है। कुणाल ने अपने फिल्मी करिअर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी। वह सुपरहिट फिल्म राजा हिन्दुस्तानी में बाल कलाकार के रूप में नजर आए।

वह जख्म, भाई, हम हैं राही प्यार के आदि फिल्मों में भी बाल कलाकार के रूप में नजर आ चुके हैं। उसके बाद उन्होंने वयस्क कलाकार के रूप में धमाल, ट्रैफिक सिग्नल, गोलमाल- थ्री और गो गोआ गोन, ढोल सहित कई फिल्में की। ऋषिकेश में उनके साथ निदेशक किरण शर्मा, अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी, सह अभिनेत्री अल्का अमीन, अभिनेता पीयूष मिश्रा भी आए हुए हैं। ऋषिकेश व आसपास क्षेत्र में कई जगहों पर हिंदी फिल्म कंजूस मक्खीचूस की शूटिंग चल रही है। वह होटल में गढ़वाली व्यंजन को काफी पसंद कर रहे हैं।

शतायु वृक्ष को दी विदाई, स्मृति में लगाया पौधा

सिंधवाल गांव में डेढ़ सौ साल पुराने पीपल के वृक्ष को ग्रामीणों ने विदाई दी। इस वृक्ष की स्मृति में पौधा भी रोपा।

करीब डेढ़ सौ साल पुराना यह पीपल का वृक्ष इस बरसात में गिर गया था। ग्रामीणों का मानना है कि यह पेड़ उनके पूर्वजों ने लगाया था। इस पेड़ के साथ ग्रामीणों की कई यादें जुड़ी हुई हैं। ग्राम प्रधान प्रदीप सिंधवाल ने बताया की यही वृक्ष हमें जीवन देते हैं।

इनकी रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हम सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वृक्ष हमारे पूर्वजों की धरोहर हैं और हम सभी को आगे आकर प्रकृति की इस धरोहर को संरक्षित करना होगा। इस अवसर पर भरत सिंह, मेहर सिंह, मनोहर, हरि सिंह, धर्म सिंह, मनोज, मोहनलाल, तेजपाल आदि मौजूद रहे।

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