कोरोना टेस्ट के नाम पर नहीं थम रही कालाबाजारी, घर से सैंपल लेने के नाम पर कर रहे मनमानी
दून में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मुनाफाखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। एंबुलेंस ऑक्सीजन सिलिंडर दवा और कोरोना जांच तक में आमजन से अवैध वूसली की जा रही। घर से कोरोना जांच को सैंपल लेने के नाम पर निजी लैब संचालक मनमाना दाम वसूल रहे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मुनाफाखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। एंबुलेंस, ऑक्सीजन सिलिंडर, दवा और कोरोना जांच तक में आमजन से अवैध वूसली की जा रही है। घर से कोरोना जांच को सैंपल लेने के नाम पर निजी लैब संचालक मनमाना दाम वसूल रहे हैं, जबकि शासन-प्रशासन की ओर से कोरोना जांच के दाम तय किए गए हैं।
भंडारी बाग निवासी विनोद गोयल ने बताया कि उनकी भाभी की पिछले तीन दिन से तबीयत नासाज है। जिसके चलते उन्होंने कोरोना जांच कराने का निर्णय लिया। उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से घर से सैंपल लेने वाली निजी लैब के नंबर खोजे। उन्हें एसआरएल नाम की एक निजी पैथोलॉजी लैब का नंबर मिला, जिस पर मैसेज कर उन्होंने टाइम और पता दर्ज करवा दिया। उन्हें लैब की ओर से एक युवक का फोन आया, जिसने उनसे पता पूछा।
विनोद ने उन्हें पता बताने के साथ ही कोरोना जांच का शुल्क पूछा तो युवक ने 1000 रुपये बताया। इस पर उन्होंने उसे कुछ कम करने को कहा तो उसने लैब की ओर से यही दाम तय किए गए हैं कहकर एक हजार ही लेने की बात कही। फिर विनोद गोयल ने उसे कहा कि सरकार की ओर से घर से सैंपल लेकर कोरोना जांच करने के लिए 900 रुपये निर्धारित किए गए हैं। युवक ने उन्हें लैब में बात करने की बात कही।
लैब पर फोन करने पर उन्हें यही कहा गया कि सैंपल लेने वाले व्यक्ति फ्रीलांस कार्य करते हैं। ऐसे में वे घर आने का अपना शुल्क जोड़कर लेते हैं। विनोद गोयल ने उन्हें कहा कि सरकार की ओर से कोरोना जांच के 700 और घर से सैंपल लेने के 200 रुपये तय किए गए हैं। ऐसे में वह 900 रुपये ही देंगे। जिस पर लैब की ओर से उन्हें इन्कार कर दिया गया और कहीं और से जांच कराने की नसीहत दी गई। विनोद गोयल का कहना है कि वे इसकी शिकायत प्रशासन से भी करेंगेे।
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