Uttarakhand Black Fungus Cases: कोरोना के बीच अब ब्लैक फंगस की दस्तक, दून में अबतक तीन मरीजों में पुष्टि

Uttarakhand Black Fungus Cases Uttarakhand Black Fungus Cases कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। दून स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 02:05 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 10:54 PM (IST)
Uttarakhand Black Fungus Cases: कोरोना के बीच अब ब्लैक फंगस की दस्तक, दून में अबतक तीन मरीजों में पुष्टि
उत्‍तराखंड में कोरोना के बीच अब ब्लैक फंगस की दस्तक।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Black Fungus Cases कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। दून स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, जबकि एक अन्य मरीज में भी इसके लक्षण मिले हैं, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। अस्पताल में अब तक ब्लैक फंगस के तीन मामले आ चुके हैं। 

मैक्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल प्रसाद ने बताया कि उनके यहां भर्ती 60 वर्षीय एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। जबकि दो अन्य मरीज पहले अस्पताल से इलाज करा चुके हैं। इन्हें जनवरी व फरवरी में अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि तीनों ही कोरोना से उबर चुके लोग हैं। डॉ. प्रसाद का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस कोई नया संक्रमण नहीं है। यह बीमारी कैंसर, एड्स सहित और कई रोगों के साथ भी देखी जाती है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि राज्य में ब्लैक फंगस का कोई मामला पहली बार आया है। इतना जरूर है कि कोविड या पोस्ट कोविड मरीजों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना का इलाज करा चुके कुछ मरीज, जिन्होंने अस्पताल में रिपोर्ट किया उनमें ये देखा गया। साइनस से होते हुए आंख को अपनी चपेट में लेने वाले इस संक्रमण को शरीर में फैलने से रोकने के लिए सर्जरी कर मरीजों की संक्रमित आंख निकालनी पड़ी है।

इधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राज्य में गठित विशेषज्ञ समिति ब्लैक फंगस के संदर्भ में केंद्र व आइसीएमआर की गाइडलाइन और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों में मरीजों के इलाज के दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। कोरोना संक्रमित हो चुके मधुमेह के मरीजों से मेरी विशेष अपील है कि वे शुगर लेवल को लेकर लापरवाही न बरतें। जो लोग ठीक हो चुके हैं और शुगर की समस्या है तो वो भी शुगर को नियंत्रित रखें। सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। 

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