भाजयुमो ने फूंका हरीश रावत का पुतला, पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा को पंजाबी भाई बताने पर जताई आपत्ति
कैंट विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) कार्यकर्त्ताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा को पंजाबी भाई बताने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कार्यकर्त्ताओं ने विरोध जताते हुए बल्लीवाला चौक पर हरीश रावत का पुतला दहन किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून : कैंट विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) कार्यकर्त्ताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा को पंजाबी भाई बताने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कार्यकत्र्ताओं ने विरोध जताते हुए बल्लीवाला चौक पर हरीश रावत का पुतला दहन किया।
बुधवार को भाजपा नेता अमित कपूर के नेतृत्व में भाजयुमो कार्यकत्र्र्ता बल्लीवाला चौक पहुंचे। इस दौरान अमित कपूर ने कहा कि उत्तराखंड के पांच जवान सीमा पर शहीद हो गए, जिससे पूरा प्रदेश गमगीन है। वहीं, हरीश रावत पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा को अपना पंजाबी भाई बता रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने सरहद पर पाकिस्तान की करतूतों की निंदा नहीं की। दुर्भाग्य है कि कांग्रेस ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। आरोप लगाया कि उत्तराखंड के शहीदों का अपमान किया जाना, बेहद निंदनीय है। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष बबलू बंसल, युवा मोर्चा अध्यक्ष शुभम नेगी, अभिषेक शर्मा, शेखर नौटियाल, संतोष कोठियाल, अतुल बिष्ट, डा. उदय सिंह आदि उपस्थित थे।
बारिश से जानमाल के नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बड़े पैमाने पर हुए जानमाल के नुकसान के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। भट्ट ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में आप कार्यकत्र्ता पीडि़तों की हर संभव मदद के लिए पहुंच रहे हैं। इसके चलते पार्टी ने हरिद्वार से शुरू होने वाली रोजगार गारंटी यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
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बुधवार को प्रेस वार्ता में भट्ट ने कहा कि राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने पहले ही भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी कर दी थी। इसके बावजूद सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सख्त कदम नहीं उठाए। भट्ट ने कहा कि सरकार को समय रहते खतरे वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां रह रहे आमजन को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस आपदा में सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ।
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