उत्तराखंड: जागेश्वर धाम प्रकरण से बढ़ीं भाजपा की मुश्किलें, अब केंद्रीय नेतृत्व को कराएंगे अवगत
गले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के लिए चारधाम देवस्थानम प्र्रबंधन बोर्ड का मसला पहले ही चुनौती बना हुआ है और अब जागेश्वर धाम में दर्शन को आए आंवला से सांसद धर्मेंद्र कश्यप के व्यवहार को कांग्रेस द्वारामुद्दा बनाने से पार्टी की उलझन बढ़ गई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के लिए चारधाम देवस्थानम प्र्रबंधन बोर्ड का मसला पहले ही चुनौती बना हुआ है और अब जागेश्वर धाम में दर्शन को आए आंवला से भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप के व्यवहार को कांग्रेस द्वारामुद्दा बनाने से पार्टी की उलझन बढ़ गई है। भाजपा इस प्रकरण से असहज जरूर हुई, मगर उसने तटस्थ भूमिका निभाई। नतीजतन प्रकरण में तुरंत मुकदमा भी दर्ज हो गया। यही नहीं, पार्टी ने विपक्ष को जवाब देने के मद्देनजर तोड़ तलाशने की कवायद शुरू कर दी है। इस कड़ी में उसने बचाव की मुद्रा अख्तियार करने के बजाय मामले की जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को देने का फैसला किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक प्रकरण का पूरा ब्योरा लेकर केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी दी जाएगी।
त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में लाए गए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और इसके तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहितों के गुस्से से भाजपा को जूझना पड़ रहा है। हालांकि, सरकार में हुए दूसरे नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में उच्च स्तरीय समिति के गठन का एलान कर तीर्थ पुरोहितों को साधने का प्रयास किया। साथ ही भरोसा दिलाया कि समिति सभी पहलुओं पर विचार करेगी और फिर उसकी सिफारिशों के आधार पर बोर्ड के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
हालांकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी देवस्थानम बोर्ड को मुद्दा बनाए हुए है, मगर सरकार की ओर से चल रही कसरत से भाजपा संगठन को संबल मिला है। उसके पास जवाब देने के लिए है कि प्रदेश की भाजपा सरकार मसले के समाधान को प्रयास कर रही है। अब जागेश्वर मंदिर के घटनाक्रम ने पार्टी की पेशानी पर बल डाले हुए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक अगर वास्तव में जनप्रतिनिधि का ऐसा व्यवहार है तो उसे किसी भी दशा में उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में पूरा ब्योरा लिया जा रहा है, ताकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जा सके।
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