लोहाघाट से विधायक पूरन सिंह फर्त्‍याल को भाजपा ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

लोहाघाट से विधायक पूरन सिंह फर्त्‍याल को भाजपा ने नोटिस जारी कर दि‍या। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विधायक फर्त्याल को एक हफ्ते के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 12:55 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 11:32 PM (IST)
लोहाघाट से विधायक पूरन सिंह फर्त्‍याल को भाजपा ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला
लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्‍याल। फाइल फोटो।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कार्यस्थगन की सूचना देकर अपनी ही सरकार के लिए असहज स्थिति उत्पन्न करने वाले लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल को पार्टी ने अनुशासनहीनता पर कारण बताओ नोटिस भेजा है। उनसे सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उधर, विधायक फत्र्याल के तल्ख तेवर बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि यदि नियम-58 के मामले में पार्टी उन्हें नोटिस दे रही है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही कहा कि डेढ़ साल पहले भी उन्होंने टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग को लेकर नियम-58 के तहत मामला उठाया था, तब पार्टी ने उनकी पीठ थपथपाई थी।

विधायक फर्त्याल टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के टेंडर में गड़बड़झाले के मसले को लेकर मुखर हैं। इस मसले के आलोक में वह पूर्व सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर अंगुली उठा चुके हैं। 23 सितंबर को विस के मानसून सत्र में विधायक फत्र्याल ने इस सड़क के मसले पर कार्यस्थगन (नियम-58) की सूचना दी, मगर यह स्वीकार नहीं हुई। हालांकि, विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया था।

अब भाजपा ने शनिवार को विधायक फर्त्याल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि विधायक फर्त्याल द्वारा मीडिया में दिए जा रहे वक्तव्यों से सरकार व संगठन की छवि धूमिल हो रही है। सत्तापक्ष का विधायक होने के बावजूद उनके द्वारा विधानसभा में  कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया गया। यह व्यवहार अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। नोटिस में कहा गया है कि इस कृत्य के कारण क्यों न उनके विरुद्ध पार्टी संविधान के अनुरूप अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। कहा गया है कि यदि सात दिन की अवधि में स्पष्टीकरण न मिलने या फिर उत्तर संतोषजनक न पाए जाने पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उधर, विधायक फर्त्याल ने कहा कि आज मामला थोड़ा गंभीर है। सवाल नियम-58 का नहीं है। शासन व सरकार के व्यक्तियों पर जो डेंट लग रहा है, उस पर लीपापोती के लिए नोटिस दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने किस उद्देश्य से नोटिस दिया है, उसका वह जवाब देंगे। जहां तक नियम-58 की बात है तो कहीं नहीं है कि सत्तापक्ष का विधायक कार्यस्थगन नहीं ला सकता। जिसकी कहीं नहीं सुनी जाएगी, अगर वह विधायक होगा तो कार्यस्थगन के जरिये मसला उठाएगा। ऐसा कई बार हुआ है।

फत्र्याल ने कहा कि चार-पांच बार तो उत्तराखंड विधानसभा में ऐसा हो चुका है। उन्होंने बताया कि डेढ़ साल पहले टनकपुर-जौलजीबी सड़क का मसला उनके द्वारा नियम-58 में उठाया गया। तब तो कोई नोटिस नहीं दिया गया। आज इसी प्रकरण में क्यों और किसे बचाया जा रहा है।

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