Uttarakhand Assembly Elections 2022: भाजपा चुनाव प्रबंधन से लेकर वोटर साधने तक महीन होमवर्क

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने विभिन्न वर्गों को साधने के हिसाब से फील्डिंग लगाई है। इस कड़ी में चुनाव प्रबंधन के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी को चुनाव प्रभारी बनाया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 03:05 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 03:05 AM (IST)
Uttarakhand Assembly Elections 2022: भाजपा चुनाव प्रबंधन से लेकर वोटर साधने तक महीन होमवर्क
भाजपा चुनाव प्रबंधन से लेकर वोटर साधने तक महीन होमवर्क।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022: उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी बेहद गंभीर है और उसने इस संबंध में महीन होमवर्क किया है। चुनाव प्रबंधन से लेकर तमाम वर्गों के वोटर को साधने के लिए जिस तरह से महारथियों को मोर्चे पर लगाया गया है, वह इसकी तस्दीक करता है। सभी के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और वे अपने-अपने किलों को मजबूत करने की मुहिम में जुट गए हैं।

भाजपा का लक्ष्य इस बार उस मिथक को तोड़ने का है कि उत्तराखंड में हर पांच साल बाद सत्ताधारी दल बदल जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत को देखते हुए पार्टी की रणनीति है कि इस मर्तबा वह इससे आगे निकले। इसी के दृष्टिगत पार्टी ने अपने चुनाव अभियान को धार दी है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इसे गंभीरता से ले रहा है। वह न केवल चुनाव अभियान की मानीटरिंग कर रहा है, बल्कि उसने अपने-अपने क्षेत्रों में महारथ प्राप्त नेताओं के साथ ही अलग-अलग वर्ग को साधने के हिसाब से पार्टी नेताओं को यहां काम पर लगाया है।

इस कड़ी में सबसे प्रमुख नाम केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी का है, जिन्हें पार्टी ने उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी का जिम्मा सौंपा है। कर्नाटक से लोकसभा की धारवाड़ सीट का वह वर्ष 2004 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। तेज तर्रार नेताओं में शामिल जोशी को चुनाव प्रबंधन में महारथ हासिल है। यही वजह है कि पार्टी ने उत्तराखंड में चुनाव प्रबंधन की कमान सौंपी है। वह चुनाव प्रबंधन समिति से जुड़े पार्टी के 32 विभागों को सक्रिय कर चुके हैं।

प्रदेश सह चुनाव प्रभारी बनाई गई बंगाल की हुगली सीट से सांसद लाकेट चटर्जी की पहचान बंगाल में एक फायर ब्रांड नेता के रूप में है। उन्हें यहां जिम्मेदारी सौंपने के पीछे पार्टी की मंशा बंगाली समुदाय के वोटरों को साधने की है। तराई क्षेत्र में बंगाली वोटर की अच्छी खासी संख्या है। चटर्जी इस मुहिम में जुट गई हैं।

दूसरे प्रदेश सह चुनाव प्रभारी बनाए गए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह को भी पिछले कई चुनावों का अनुभव है। पार्टी उनका लाभ सिख समुदाय, विशेषकर तराई क्षेत्र के सिख वोटरों को साधने में ले रही है।

हरियाणा से सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम उत्तराखंड भाजपा के प्रभारी का दायित्व भी निभा रहे हैं। अनुसूचित जाति में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है और यहां भी पार्टी इसका लाभ उठाने की जुगत में है। इसी तरह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद रेखा वर्मा को प्रदेश सह प्रभारी बनाकर पार्टी का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने का है। इसके अलावा पार्टी ने चुनाव प्रबंधन समिति के तहत गठित मीडिया व इंटरनेट मीडिया विभाग का जिम्मा पूर्व में उत्तराखंड भाजपा में कई दायित्व निभा चुके सुरेश जोशी को सौंपा है। इसके साथ ही पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा और राष्ट्रीय पैनलिस्ट राजीव जेटली को भी यहां ड्यूटी पर लगाया है। पार्टी नेतृत्व ने इसी प्रकार अन्य नेताओं को मोर्चे पर लगाया है, ताकि पार्टी का किला और अधिक मजबूत हो।

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