यूज्ड कुकिंग ऑयल के बदले मिलेगा बायोडीजल, रूको एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी
रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल (रूको) अभियान के तहत शुक्रवार को सुभाष रोड स्थित होटल में खाद्य कारोबारियों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अभियान में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाने वाले खाद्य कारोबारियों को मुख्य अतिथि एफएसएसएआइ के सीईओ अरुण सिंघल ने सम्मानित किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल (रूको) अभियान के तहत शुक्रवार को सुभाष रोड स्थित होटल में खाद्य कारोबारियों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अभियान में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाने वाले खाद्य कारोबारियों को मुख्य अतिथि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) के सीईओ अरुण सिंघल ने सम्मानित किया। साथ ही उनके सुझाव भी लिए। इसके बाद सिंघल ने 700 लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल के साथ रूको एक्सप्रेस को आइआइपी के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सिंघल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता बनाया जाना जरूरी है। इट राइट आंदोलन जन आंदोलन बनना चाहिए। इसमें आम जन और व्यापारियों का सहयोग बेहद जरूरी हैं। रूको अभियान में दून की तारीफ करते कहा कि उम्मीद है यह शहर अन्य के लिए भी मॉडल बनकर उभरेगा। आइआइपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीरज अत्रे ने कहा कि अब तक छह हजार लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल उन्हें मिला है। कोरोनाकाल में थोड़ा कार्य प्रभावित हुआ, पर अब इसमें फिर सुधार हुआ है।
उन्होंने बताया कि खाद्य तेल एकत्र करने एवं व्यापारियों को प्रोत्साहित करने को एक मोबाइल यूनिट की स्थापना की जा रही है। खाद्य तेल देने पर उन्हें 50 फीसद बायोडीजल दिया जाएगा, जिसे वह अपने जनरेटर एवं वाहनों में प्रयोग कर सकेंगे। सोशल डेवलपमेंट फॉर कॅम्यूनिकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने एफएसएसएआइ के सीईओ से अपील की कि बचे तेल के दाम निर्धारित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में इसे न ले जाने की भी शर्त रखी जाए। अभी तक 20 से लेकर 30 रुपये तक बचा खाद्य तेल अलग-अलग वेंडर खरीद रहे हैं। जिससे व्यापारियों को दिक्कतें हैं। जबकि बॉयोडीजल को 52 रुपये प्रति लीटर बेचने की गाइडलाइन बनी है। इस दौरान अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान, अभिहित अधिकारी मुख्यालय राजेंद्र रावत, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जीसी कंडवाल आदि मौजूद थे।
लाइसेंस को लेकर हुई किरकिरी
एक खाद्य कारोबारी ने इस दौरान प्रदेश में लाइसेंस प्रक्रिया की पोल सीईओ के सामने खोल दी। उन्होंने बताया कि पौड़ी में उनके साथी को पिछले कई माह से पोल्ट्री के लिए लाइसेंस नहीं मिला। बाद में आवेदन बिना किसी टिप्पणी के रिजेक्ट कर दिया गया। जिस पर वहां के एक अधिकारी ने कहा कि उसमें प्रदूषण नियंत्रण विभाग की एनओसी नहीं आई होगी। जिस पर सीईओ ने हिदायत दी कि सत्यापन एक ही दिन में पूरा हो जाना चाहिए। लाइसेंस के लिए क्या-क्या दस्तावेज आवश्यक हैं, इसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- अब दुकानों में बचा तला तेल नहीं होगा बर्बाद, इससे चलेगी गाड़ी; जानिए कैसे
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें