उत्तराखंड में बीएड के स्टाफ पर मंडराया वेतन का संकट, घटती छात्र संख्या बनी वजह

उत्तराखंड में सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रमों में छात्रसंख्या घट रही है। ऐसे में वहां कार्यरत स्टाफ के वेतन भुगतान का संकट गहरा गया है।

By Edited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 07:54 PM (IST) Updated:Sun, 16 Aug 2020 10:38 AM (IST)
उत्तराखंड में बीएड के स्टाफ पर मंडराया वेतन का संकट, घटती छात्र संख्या बनी वजह
उत्तराखंड में बीएड के स्टाफ पर मंडराया वेतन का संकट, घटती छात्र संख्या बनी वजह

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रमों में छात्रसंख्या घट रही है। कुल 17 कॉलेजों में से आधा दर्जन कॉलेजों में छात्रों की संख्या में गिरावट से वहां कार्यरत स्टाफ के वेतन भुगतान का संकट गहरा गया है। बीएड पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों का उत्साह देखकर सरकार ने गढ़वाल मंडल के आठ और कुमाऊ मंडल के नौ राजकीय डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रम शुरू किए। प्रत्येक कॉलेज में बीएड की 100 सीट रखी गई हैं। इन कॉलेजों में अब छात्रसंख्या में कमी आ रही है। दो कॉलेजों बेदीखाल और नैनीडांडा में छात्रसंख्या घटकर क्रमश: 44 और 38 हो चुकी है। इन दोनों कॉलेजों में पाठ्यक्रम बंदी का खतरा मंडरा रहा है। अन्य चार कॉलेजों में दो में 10 से ज्यादा और दो कॉलेजों में 10 छात्र घट गए। कुमाऊं मंडल के सिर्फ चार कॉलेज हैं, जहां छात्रसंख्या सौ फीसद से ज्यादा है। 

छात्रसंख्या में कमी से सबसे ज्यादा चिंतित स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रम में कार्यरत कर्मचारी हैं। बेदीखाल और नैनीडांडा कॉलेजों में इन कर्मचारियों के वेतन के भुगतान का संकट उत्पन्न हो चुका है। छात्रों की फीस से वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम से होने वाली आमदनी से ही कार्मिकों के वेतन भुगतान की व्यवस्था है। एनसीटीई के मानक के मुताबिक प्रत्येक कॉलेज में एक विभागाध्यक्ष, छह प्रवक्ता, पुस्तकालयाध्यक्ष समेत कुल 16 कार्मिकों का स्टाफ स्वीकृत है। 
दो साल के बीएड पाठ्यक्रम की सालाना फीस 35 हजार रुपये है। कार्मिकों के वेतन संकट समेत अन्य समस्याओं को लेकर शासन ने पहले शुक्रवार को गवर्निग बॉडी की बैठक नियत की थी। इसे स्थगित कर दिया गया है। अब यह बैठक 18 अगस्त को होगी। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद ब‌र्द्धन के मुताबिक गवर्निग बॉडी की बैठक में इस समस्या के समाधान की रणनीति पर मंथन होगा। 
इन सरकारी डिग्री कॉलेजों में कम हो गई छात्रसंख्या 
कॉलेज, अध्ययनरत छात्र 
बेदीखाल, 44 
नैनीडांडा, 38 
डाकपत्थर, 79 
जयहरीखाल, 80 
अगस्त्यमुनि, 90 
उत्तरकाशी, 90 
स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रम में मानदेय की व्यवस्था
कार्मिक, मानदेय, पर्वतीय भत्ता (रुपये) 
विभागाध्यक्ष, 36 ,750, 3000 
प्रवक्ता,     25, 000, 2000 
प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा, 15,750, 1000 
पुस्तकालयाध्यक्ष, 12,600, 1000
chat bot
आपका साथी