उत्तराखंड में बीएड के स्टाफ पर मंडराया वेतन का संकट, घटती छात्र संख्या बनी वजह
उत्तराखंड में सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रमों में छात्रसंख्या घट रही है। ऐसे में वहां कार्यरत स्टाफ के वेतन भुगतान का संकट गहरा गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रमों में छात्रसंख्या घट रही है। कुल 17 कॉलेजों में से आधा दर्जन कॉलेजों में छात्रों की संख्या में गिरावट से वहां कार्यरत स्टाफ के वेतन भुगतान का संकट गहरा गया है। बीएड पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों का उत्साह देखकर सरकार ने गढ़वाल मंडल के आठ और कुमाऊ मंडल के नौ राजकीय डिग्री कॉलेजों में स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रम शुरू किए। प्रत्येक कॉलेज में बीएड की 100 सीट रखी गई हैं। इन कॉलेजों में अब छात्रसंख्या में कमी आ रही है। दो कॉलेजों बेदीखाल और नैनीडांडा में छात्रसंख्या घटकर क्रमश: 44 और 38 हो चुकी है। इन दोनों कॉलेजों में पाठ्यक्रम बंदी का खतरा मंडरा रहा है। अन्य चार कॉलेजों में दो में 10 से ज्यादा और दो कॉलेजों में 10 छात्र घट गए। कुमाऊं मंडल के सिर्फ चार कॉलेज हैं, जहां छात्रसंख्या सौ फीसद से ज्यादा है।