सावधान! यहां वाहन की इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर चल रहा 'खेल', सतर्कता बरतें; ठगी से बचने को ये पांच बातें जानें

कार या व्यावसायिक वाहन का आनलाइन बीमा करवाना चाहते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। ठग आपसे पैसे लेकर फर्जी वाहन का बीमा पकड़ा सकते हैं। फर्जी बीमे से पुलिस या आरटीओ से बच सकते हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:03 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:03 PM (IST)
सावधान! यहां वाहन की इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर चल रहा 'खेल', सतर्कता बरतें; ठगी से बचने को ये पांच बातें जानें
सावधान! यहां वाहन की इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर चल रहा 'खेल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अगर आप सस्ते में कार या व्यावसायिक वाहन का आनलाइन बीमा करवाना चाहते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। ठग आपसे पैसे लेकर फर्जी वाहन का बीमा पकड़ा सकते हैं। फर्जी बीमे से पुलिस या आरटीओ से बच सकते हैं, लेकिन यदि यदि वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो इसके बाद एजेंट व पुलिस के चक्कर ही काटने पड़ेंगे।

इंश्योरेंस करने वाले गेटवे पेटीएम, फोन पे और पालिसी बाजार से एजेंट बीमा करवा रहे हैं। इनमें 24 कंपनियों की ओर से आनलाइन बीमा की सुविधा दी जा रही है। देहरादून में मामला सामने आने के बाद अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस तरह की ठगी पूरे देश में की जा रही है, जिससे बड़े पैमाने पर राजस्व चोरी की जा रही है। स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से पकड़े गए फर्जीवाड़े में अब तक सामने आया है कि गिरोह महीने में 40 से 50 वाहनों का फर्जी बीमा करवा लेते थे। ऐसे में अब तक 300 के करीब वाहनों का बीमा करवा चुके हैं।

आनलाइन आसानी से हो रहा फर्जीवाड़ा

पेटीएम, फोन पे व पालिसी बाजार से कोई भी व्यक्ति आसानी से इस फर्जीवाड़े को कर सकता है। फोन-पे में कार व मोटरसाइकिल के इंश्योरेंस का एक आप्शन दिया गया है। कार के बजाय मोटरसाइकिल का आप्शन चुनने के बाद उसमें कार का रजिस्ट्रेशन नंबर डालने पर वह मोटरसाइकिल के ब्रांड का नाम बताता है। यहां पर कोई भी मोटरसाइकिल चुनने के बाद वह कार का नंबर व माडल दिखाता है। इसके बाद अलग-अलग कंपनियों के इंश्योरेंस लेने का आप्शन आता है। कोई भी कंपनी सिलेक्ट करने के बाद कार की पूरी डिटेल सामने आ जाती है। इसमें वाहन संबंधी थोड़ी सी जानकारी भरने के बाद आनलाइन फीस जमा हो जाती है। ऐसे में चारपहिया का बीमा आसानी से दोपहिया के प्रीमियम पर हो जाता है।

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- इंश्योरेंस संबंधी सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें। पालिसी रकम, उसके फायदे और दूसरी जरूरी बातों को नोट भी कर लें। पालिसी को आनलाइन चेक करें। देखें कि डीलर जो पालिसी दे रहा है, क्या वह दूसरी कंपनियों से बेहतर है। अगर नहीं है तो डीलर से पालिसी ना लें।

- पालिसी पर नंबर चेक करें। कुछ उदाहरण ऐसे सामने आ रहे हैं, जिसमें सामने आया है कि बीमा कंपनी ने कार पालिसी की जगह कवर नोट दे दिया। जब क्लेम किया गया तो वह रिजेक्ट हो गया। जांच में इस फर्जीवाड़े का पता चला। इससे बचने के लिए पालिसी लेते समय उस पर पालिसी नंबर देखें और बेहतर होगा कि उसका पेमेंट कैश की जगह चेक या आनलाइन करें। चेक किसी व्यक्ति के नाम का न हो। जिस कंपनी का बीमा है, उसी के नाम से देना चाहिए।

- बीमा विनयामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीआइए) की ओर से policyholder.gov.in नाम से वेबसाइट शुरू की गई है। जहां जानकारी लेकर धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। आइआरडीआइए की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं कि जिस कंपनी से वह बीमा करवा रहे हैं उस नाम की कोई कंपनी है भी या नहीं।

- आइआरडीआइए की ओर से हर बीमा कंपनी को एक यूनिक आइडेंफिकेशन नंबर (यूआइडी) दिया जाता है, जोकि बीमा पालिसी में भी रहता है। यदि किसी बीमा पालिसी में यूआइडी नहीं है तो इसका मतलब वह पालिसी नकली है।

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