मुख्‍यमंत्री के खिलाफ जांच के आदेश स्‍थगित पर जानिए क्‍या बोले भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष

भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने उच्चतम न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआइ जांच के आदेश को स्थगित किए जाने पर स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:32 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री के खिलाफ जांच के आदेश स्‍थगित पर जानिए क्‍या बोले भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि यह निर्णय कई अर्थों में महत्वपूर्ण है।

देहरादून, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने उच्चतम न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआइ जांच के आदेश को स्थगित किए जाने पर स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री को बदनाम करने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। साथ ही कांग्रेस जो इस मामले पर हाय तौबा मचा रही थी उसके लिए बहुत शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय नैनीताल के उस आदेश जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआइ जांच के आदेश दिए गए थे को स्थगित करने का निर्णय दिया है। इस फैसले का सभी स्वागत करते हैं। कहा कि यह निर्णय कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। इस निर्णय से मुख्यमंत्री और सरकार को बदनाम व अस्थिर करने की कोशिश असफल सिद्ध हो गई। इसके साथ ही इस षड्यंत्र में शामिल लोगों को झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर स्वयं आश्चर्य व्यक्त किया है कि इस प्रसंग में न तो मुख्यमंत्री  पक्षकार थे और न ही याचिका में उनके बारे में कोई प्रार्थना की गई थी। इसके बावजूद उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया वह सबको आश्चर्य में डालने वाला है। 

बंशीधर भगत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने यह दलील दी कि यह यह मामला सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र है और उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू हो गई है।

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 अब उच्चतम न्यायालय के निर्णय से मुख्यमंत्री को बदनाम करने और सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र धराशाई हो गया है। इस षड्यंत्र में लगे तत्वों को गहरा झटका लगा है। यही कारण है बिना आधार के मामले को उछाल कर वे न केवल मुख्यमंत्री का त्यागपत्र मांगने लगे बल्कि राजभवन कूच कर गए। इससे साफ है कि कांग्रेस और उनके साथी दल कितने बौखलाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस के नेता स्वयं बड़े बड़े घोटालों में फंसे हैं , जिस पार्टी के अधिकांश पार्टी नेता जमानत पर चल रहे हैं और पार्टी के नेताओं की हरकतों का स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हो चुका है। उसके नेता जब मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करते हैं और त्यागपत्र मांगते हैं तो इससे साफ है की वह षड्यंत्रों में शामिल हैं। 

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