Uttarakhand Board Exam: छूटे विषयों में परीक्षार्थियों को मिलेंगे औसत अंक, जानें- सभी नियम
कंटेनमेंट जोन की वजह से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर मीडिएट की परीक्षा से वंचित रह गए परीक्षार्थियों को अन्य परीक्षाओं के अंकों के आधार पर औसत अंक दिए जाएंंगे।
देहरादून, जेएनएन। कंटेनमेंट जोन में निवासरत होने की वजह से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर राहत दी जाएगी। छूटे हुए विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा के स्थान पर औसत अंक मिलेंगे। बोर्ड की ओर से औसत अंक निर्धारण के फार्मूले को सरकार ने मंजूरी दे दी है। औसत अंक से संतुष्ट नहीं होने पर परीक्षार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। बोर्ड के छूटे विषयों और प्रश्नपत्रों की परीक्षा बीती 20 जून से 25 जून के बीच कराई गई थी। कोरोना संक्रमण के चलते कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाले परीक्षा केंद्रों या उनमें निवास करने वाले और होम क्वारंटाइन किए गए प्रदेशभर के तीन हजार से ज्यादा परीक्षार्थी उक्त परीक्षा से वंचित रह गए थे। बोर्ड ने इन परीक्षार्थियों को औसत अंक देने का फार्मूला तय कर दिया है। इसके मुताबिक चार या उससे ज्यादा विषयों की परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को छूटे प्रश्नपत्रों में सर्वाधिक अंक प्राप्त तीन विषयों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
तीन विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं को सर्वाधिक अंक प्राप्त दो विषयों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर औसत अंक दिए जाएंगे। दो या कम विषयों या प्रश्नपत्रों की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को प्राप्त किए गए अंकों के औसत के मुताबिक छूटे गए विषयों में अंक दिए जाएंगे। इन औसत अंकों के आधार पर उनका परीक्षाफल तैयार होगा। ऐसे परीक्षार्थी जिन्होंने विनियम के तहत एक विषय या प्रश्नपत्र की परीक्षा के लिए आवेदन किया था और कोरोना संक्रमण के बचाव के कारण उक्त परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए, उनके लिए स्थितियां सामान्य होने पर फिर परीक्षा कराई जाएगी। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही उनका परीक्षाफल घोषित किया जाएगा।
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सरकार ने उक्त परीक्षार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया है। औसत अंक के आधार पर घोषित परीक्षाफल से संतुष्ट नहीं होने पर उन्हें संबंधित विषयों में परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। परीक्षार्थी को परीक्षाफल की घोषणा होने के बाद एक महीने के भीतर संस्थाध्यक्ष के जरिये बोर्ड से अनुरोध करना पड़ेगा। स्थितियां सामान्य होने पर बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा का विकल्प देने पर उसमें प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा। इसके आधार पर संशोधित परीक्षाफल घोषित किया जाएगा। इस स्थिति में पहले जारी परीक्षाफल को निरस्त कर दिया जाएगा। औसत अंक 20 जून से पहले हो चुकी परीक्षा में गैरहाजिर परीक्षार्थियों को नहीं मिलेंगे।
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