उत्तराखंड सरकार की नींद से टूटा अंकिता का ओलंपिक कोटे का सपना, जानें- क्या कहते हैं खेल प्रेमी
देश के लिए ओलंपिक में प्रतिभाग करना हर खिलाड़ी का सपना होता है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने को खिलाड़ी जी तोड़ मेहनत करता। ऐसी ही मेहनत एथलीट अंकिता ध्यानी ने भी की लेकिन सरकार और खेल विभाग के लापरवाह रवैये के चलते उसका प्रतिभाग करने का सपना टूट गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। देश के लिए ओलंपिक में प्रतिभाग करना हर खिलाड़ी का सपना होता है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने को खिलाड़ी जी तोड़ मेहनत करता है। ऐसी ही मेहनत एथलीट अंकिता ध्यानी ने भी की, लेकिन सरकार और खेल विभाग के लापरवाह रवैये के चलते अंकिता का ओलंपिक में प्रतिभाग करने का सपना टूट गया। पटियाला में चल रही 60वीं नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पांच हजार मीटर दौड़ में अंकिता को तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। खेल प्रेमियों का मानना है कि अगर अंकिता एस्ट्रोटर्फ मैदान पर अभ्यास करती तो उन्हें ओलंपिक कोटा मिल सकता था।
उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ ने प्रतियोगिता से 20 दिन पहले से खिलाड़ी को महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कालेज स्थित एस्ट्रोटर्फ मैदान में अभ्यास के लिए सभी अधिकारियों से गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। ऐसे में अंकिता ने ऊबड़-खाबड़ मैदानों में अभ्यास कर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से 25 से 29 जून तक एनआइएस पटियाला व पटियाला यूनिवर्सिटी में 60वीं नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन चल रहा है। इसमें पांच हजार मीटर की दौड़ को अंकिता ने 16:58:07 मिनट में पूरा किया। इस दौड़ में वह तीसरे स्थान पर रहीं और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नही कर पाईं।
अंकिता के साथ एनआइएस पटियाला गए उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ के सचिव केजेएस कलसी ने कहा कि अंकिता ने कांस्य जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। अगर उसे एस्ट्रोटर्फ मैदान में अभ्यास करने का मौका मिलता तो प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता था।
यह भी पढ़ें- स्नेह राणा ने टेस्ट क्रिकेट के डेब्यू मैच में बनाया कीर्तिमान, पिता को समर्पित किया प्रदर्शन
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें