कर्मचारियों के अटल आयुष्मान योजना कार्ड ऑफिस में ही बनेंगे
सरकारी कर्मचारियों के अटल आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड उनके दफ्तर में ही बनेंगे। जबकि पेंशनरों के कार्ड मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में बनाए जाएंगे।
देहरादून, जेएनएन। सरकारी कर्मचारियों के अटल आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड उनके दफ्तर में ही बनेंगे। जबकि पेंशनरों के कार्ड मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में बनाए जाएंगे। जिसके लिए कार्मिक व पेंशनर को 30 रुपये शुल्क देना होगा। इसमें 20 रुपये कार्ड तैयार कराने में व्यय धनराशि व दस रुपये स्टाफ को मानदेय दिया जाएगा।
अटल आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के तीन लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड उनके विभाग में आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा बनाए जाएंगे। पेंशनर व उनके परिवार के सदस्यों के कार्ड मुख्य कोषाधिकारी अपने कार्यालय के स्टाफ के सहयोग से तैयार कराएंगे। इसके अतिरिक्त वह अपने मूल विभाग के आहरण वितरण अधिकारी कार्यालय या किसी भी आहरण वितरण अधिकारी कार्यालय से गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं।
राज्य स्वास्थ्य अभिकरण इसके लिए आहरण एवं वितरण अधिकारी, मुख्य कोषाधिकारी एवं उनके स्टाफ को उनके नाम से अधिकृत करेगा। उन्हें प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जाएगी। उक्त व्यवस्था से अलग किसी भी सामुदायिक सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) या सूचीबद्ध चिकित्सालय से भी गोल्डन कार्ड बनवाए जा सकते हैं। बताया गया कि निदेशक, कोषागार एवं हकदारी राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनरों के गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे। अंशदान के संबंध में बताया गया कि पेंशनर दस वर्ष का अंशदान एकमुश्त देकर जीवन पर्यन्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह होगा बेड का वर्गीकरण
राज्य कर्मचारी, पेंशनर व उनके परिवार के सदस्य के अस्पताल में भर्ती होने पर शैय्या का वर्गीकरण सातवें वेतनमान में वर्णित वेतन लेवल के आधार पर किया गया है। जिसके अनुसार एक से पांच तक सामान्य शैय्या, लेवल छह के लिए सेमी प्राइवेट शैय्या, लेवल सात से ग्यारह तक प्राइवेट शैय्या और लेवल 12 व इससे ऊपर के लिए डीलक्स शैय्या अनुमन्य होगी। जिसके लिए चिकित्सालय को सीजीएचएस की दरों पर भुगतान किया जाएगा।
अनस्पेसिफाइड पैकेज में व्यवस्था
योजना के अंतर्गत नियत किए गए पैकेजों के अतिरिक्त सर्जरी के लिए एक लाख रुपये तक अनस्पेसिफाइड पैकेज के रूप में स्वीकृत करने की सुविधा पूर्व से ही उपलब्ध है। यदि किसी गंभीर बीमारी के उपचार के लिए एक लाख से अधिक मेडिकल/सर्जरी पैकेज की आवश्यकता है तो शासन के पूर्व अनुमोदन से ऐसे अनस्पेसिफाइड पैकेज भी अनुमन्य होंगे।
यह भी पढ़ें: अटल आयुष्मान में राज्य के बाहर भी इलाज करा सकेंगे मरीज सतीश घिल्डियाल (प्रदेश कोषाध्यक्ष, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ) का कहना है कि सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। लेकिन घोषणा हुए साल भर से ज्यादा हो गया। अब तक कई जरूरतमंद कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता था। सुधा कुकरेती (जिलाध्यक्ष डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन) का कहना है कि देर आए दुरुस्त आए। पिछले काफी वक्त से यू-हेल्थ कार्ड योजना बंद पड़ी थी। ऐसे में कर्मचारी व पेंशनर काफी दिक्कत झेल रहे थे। अब उन्हें राहत मिलेगी।