उत्तराखंड में आपदा से फसल क्षति का कराया जा रहा आकलन, रिपोर्ट के बाद उठाए जाएंगे कदम

अतिवृष्टि से धान समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कुछ जिलों से क्षति का प्रारंभिक आकलन आया है। ऊधमसिंह नगर जिले में धान को अधिक क्षति का अनुमान है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:46 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:46 AM (IST)
उत्तराखंड में आपदा से फसल क्षति का कराया जा रहा आकलन, रिपोर्ट के बाद उठाए जाएंगे कदम
उत्तराखंड में आपदा से फसल क्षति का कराया जा रहा आकलन।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में 18 से 20 अक्टूबर को हुई अतिवृष्टि से धान समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कुछ जिलों से क्षति का प्रारंभिक आकलन आया है। ऊधमसिंह नगर जिले में धान को अधिक क्षति का अनुमान है। उन्होंने बताया कि वास्तविक स्थिति के मद्देनजर अब राजस्व विभाग के साथ मिलकर सर्वे कराया जा रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे रिपोर्ट जल्द से जल्द मुहैया कराई जाए, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति दी जा सके।

आपदा से धान की फसल को ज्यादा क्षति पहुंची है। तमाम इलाकों में बारिश व जलभराव से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई तो कई स्थानों पर खेतों में कटाई के बाद सूखने के लिए छोड़ा गया धान बेकार हो गया। ये बातें भी सामने आई हैं कि कुछ क्षेत्रों में फसलों को 90 फीसद तक नुकसान हुआ है। अन्य फसलों को भी क्षति पहुंची है।

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। क्षति के मद्देनजर सर्वे चल रहा है और सभी प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो किसान क्षतिपूर्ति के तय मानकों के दायरे में नहीं आ पाएंगे, उन्हें भी मुआवजा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी।

'धान के कटोरे' में बर्बाद हो गया धान

तराई को धान का कटोरा भी कहा जाता है। कुमाऊं में आपदा से ऊधमसिंह नगर जिले में सबसे अधिक क्षति का अनुमान है। वहां करीब 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की कटाई नहीं हो पाई थी। वर्षा और जलभराव से खटीमा, नानकमत्ता, सितारगंज, रुद्रपुर, काशीपुर, गदरपुर, बाजपुर समेत अन्य क्षेत्रों में फसल खराब होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कोटाबाग, कालाढूंगी, बिंदुखत्ता, लालकुआं समेत अन्य क्षेत्रों में 680 हेक्टेयर, चम्पावत में 116 हेक्टेयर, अल्मोड़ा में करीब 18 हेक्टेयर धान की फसल प्रभावित हुई है। अलबत्ता, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में पहले ही अधिकांश फसल कटने से आंशिक क्षति हुई है।

यह भी पढ़ें- उत्‍तराखंड : आपदा में भवन क्षति पर अब डेढ़ लाख मुआवजा, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बढ़ाई गई सहायता राशि

इधर, गढ़वाल मंडल में देहरादून जिले के डोईवाला व सहसपुर क्षेत्र में करीब 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल को क्षति पहुंची है। हरिद्वार जिले में 1150 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल खराब हुई है। उत्तरकाशी जिले के नौगांव व पुरोला ब्लाक में धान, तिलहन व दलहन की फसलों को 18 से 20 फीसद क्षति का अनुमान है। पौड़ी जिले में करीब 51 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ और 104 हेक्टेयर में बागवानी फसलों को नुकसान का अनुमान है।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में निजी औद्योगिक क्षेत्र किए जाएंगे विकसित, सरकारी भूमि की कमी को देख उठाए जा रहे कदम

chat bot
आपका साथी