विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल बोले, अंतरराष्ट्रीय संस्थान के लिए सीएसआर से जुटाएंगे फंड

अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध और प्रशिक्षण संस्थान एक मिशन है। लोकतंत्र को सशक्त करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई है। संस्थान के माध्यम से विधानसभा के कार्मिकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने यह बात कही।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 08:03 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 08:03 AM (IST)
विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल बोले, अंतरराष्ट्रीय संस्थान के लिए सीएसआर से जुटाएंगे फंड
अंतरराष्ट्रीय संस्थान के लिए सीएसआर से जुटाएंगे फंड।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध और प्रशिक्षण संस्थान एक मिशन है। लोकतंत्र को सशक्त करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई है। संस्थान के माध्यम से विधानसभा के कार्मिकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि संस्थान के लिए विभिन्न सरकारी उपक्रमों के सीएसआर फंड से धन जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन से भी इस संबंध में बात की गई है। 

विधानसभा में शुक्रवार को 'संसदीय पद्धति और प्रक्रिया के मुख्य बिंदु और विधानसभा की भूमिका' विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि संस्थान की गतिविधियां प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि विस के इतिहास में पहली बार यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

अब आगे भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा। विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल ने कहा कि शोध संस्थान का उद्देश्य संसदीय लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम तैयार करना और दीर्घ व लघुकालीन प्रशिक्षण संचालित करना है। दो सत्रों में चले प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारी नरेंद्र रावत ने संसदीय प्रक्रिया पर व्याख्यान दिया। साथ ही विश्वमोहन गौड़ ने प्रश्नों की प्रक्रिया पर रोशनी डाली।

अंतिम सत्र में विशेषज्ञ पैनल द्वारा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतिभागियों की जिज्ञासा को शांत किया गया। कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद चौधरी, विकास स्वामी, मयंक सिंघल, किशोर पांडे, दीपचंद, दिनेश मंद्रवाल, चंद्रमोहन गोस्वामी, प्रमोद पांडे, प्रदीप गुणवंत, हेम गुरुरानी, वंदना हरिव्यासी आदि मौजूद थे।

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