जानिए क्यों भाजपा विधायक फर्त्याल ने अपनी ही सरकार को किया असहज
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने अपनी ही सरकार को तब असहज कर दिया जब टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के टेंडर से संबंधित मामला उठाते हुए कार्यस्थगन (नियम-58) की सूचना दी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी ही सरकार को तब असहज कर दिया, जब टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के टेंडर से संबंधित मामला उठाते हुए कार्यस्थगन (नियम-58) की सूचना दी। हालांकि, पीठ ने इसका संज्ञान नहीं लिया। अलबत्ता, विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधने में देर नहीं लगाई। विधायक फर्त्याल लंबे समय से टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के टेंडर में घपले को लेकर मुखर हैं।
पूर्व में वह इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को पत्र तक भेज चुके हैं। बुधवार को सत्र के दौरान तब सरकार सकते में आ गई, जब फर्त्याल ने इस मामले में सभी कार्य रोककर नियम-58 के तहत चर्चा कराने की मांग से संबंधित सूचना दी। हालांकि, परंपरानुसार सत्तापक्ष की ओर से नियम-58 में सूचनाएं नहीं दी जातीं। विधायक फर्त्याल का आरोप है कि इस सड़क का निर्माण करने वाली संस्था ने टेंडर प्रक्रिया में फर्जी प्रपत्रों के जरिये प्रतिभाग कर ठेका हासिल किया। पूर्व में शिकायत करने पर हुई जांच में भी इसकी पुष्टि होने के साथ ही तीन दर्जन से ज्यादा अफसरों पर कार्रवाई हुई। जांच रिपोर्ट के बाद दोबारा टेंडर हुए, मगर 10 माह से इसे लंबित रखा गया है।
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उधर, सरकार के प्रवक्ता एवं संसदीय कार्यमंत्री कौशिक ने बताया कि विधायक फर्त्याल नियम 58 में सूचना लाए थे, मगर अदालत में मामला विचाराधीन होने के कारण पीठ ने इसे स्वीकार नहीं किया। दूसरी तरफ, विपक्ष ने इस मसले को लपकने में देरी नहीं लगाई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि सत्तापक्ष के विधायक ने ही अपनी सरकार में अविश्वास जताया है। सरकार को बताना चाहिए कि भ्रष्टाचार से जुड़े टनकपुर- जौलजीबी सड़क से संबंधित मामले में उसने क्या कदम उठाए हैं।