विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर गरजी आशाएं

आशाओं की समस्याओं को लेकर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने शुक्रवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई। बाद में संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती से भी मिला और अपना मांगपत्र उन्हें सौंपा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:32 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:32 AM (IST)
विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर गरजी आशाएं
आशाओं की समस्याओं को लेकर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने शुक्रवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में प्रदर्शन किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आशाओं की समस्याओं को लेकर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने शुक्रवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई। बाद में संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती से भी मिला और अपना मांगपत्र उन्हें सौंपा। महानिदेशक ने जल्द सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि यदि कार्रवाई नही होती है तो आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सचिवालय घेराव किया जाएगा।

संगठन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि तीन वर्षो से आशाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी नही की गई है। राज्य सरकार करोना योद्धाओं को 11 हजार रुपये की सम्मान राशि दे रही है, पर इनमें आशाओं को शामिल नहीं किया गया है। अल्मोड़ा में मुख्यमंत्री ने आशाओं को 18 हजार रुपये मासिक मानदेय देने की घोषणा की, पर इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। आशाओं को स्वास्थ्य कर्मचारी घोषित करने, सभी आशाओं का स्वास्थ्य बीमा, कृमि मुक्ति अभियान के तहत दवा वितरण को 200 रुपये प्रतिदिन मानदेय व आशा की मृत्यु पर परिवार को 15 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग भी उन्होंने की। इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज , रविंद्र नौडियाल, सुनीता चौहान, कलावती चंदोला, नीरज यादव, अनित अग्रवाल, लोकेश, मिनाक्षी, नीरा कंडारी, आशा चौधरी, धर्मिष्ठा, बबिता शर्मा, निर्मला, आशा देवी, पूनम थपलियाल आदि मौजूद रहे।

आशा फैसिलिटेटरों ने भी भरी हुंकार

आशा फैसिलिटेटर एवं कार्यकर्त्‍ता संगठन ने लंबित मांगों को लेकर फिर मोर्चा खोल दिया है। नौ मार्च को आशाएं सभी जिलों में मांग दिवस मनाएंगी। इस दिन रैली निकाल प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। शुक्रवार को जैन धर्मशाला में आयोजित प्रदेशस्तरीय बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। बैठक में मुख्य अतिथि भारतीय मजदूर संघ की केंद्रीय महिला प्रभारी इंदु नायर ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार महिला कर्मचारियों की जायज मांगों का समाधान नहीं कर रही है। बजाय इसके उनका शोषण किया जा रहा है। 

संगठन की प्रांतीय महामंत्री रेनू नेगी ने बताया कि आगामी नौ मार्च को केंद्रीय संगठन के आह्वान पर प्रदेशभर में मांग दिवस मनाया जाएगा। साथ ही आगे के आंदोलन की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई बार ज्ञापन देने और वार्ता के बाद भी उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जा रहा। उन्होंने एक विजिट पर 800 रुपये, राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 500 रुपये और कोरोनाकाल में किए कार्यो के लिए प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।

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