पर्वतीय क्षेत्रों में हुए भूस्खलन के चलते फल-सब्जी की आवक भी प्रभावित, किसान परेशान

पर्वतीय क्षेत्रों में बीते दिनों हुई भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग बाधित होने के कारण वाहन शहरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में किसानों पर भी इसकी मार पड़ने लगी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:45 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:45 PM (IST)
पर्वतीय क्षेत्रों में हुए भूस्खलन के चलते फल-सब्जी की आवक भी प्रभावित, किसान परेशान
पर्वतीय क्षेत्रों में हुए भूस्खलन के चलते फल-सब्जी की आवक भी प्रभावित। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में बीते दिनों हुई भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग बाधित होने के कारण वाहन शहरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में किसानों पर भी इसकी मार पड़ने लगी है। फल-सब्जी और नकदी फसलों को किसान बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से आपूर्ति कम होने से फल-सब्जी के दामों में इजाफा हुआ है। आवक की बात करें तो निरंजनपुर मंडी में रोजाना 10 हजार कुंतल से अधिक फल-सब्जी पहुंचने लगी थी, जो पिछले कुछ दिनों में सात हजार कुंतल पर सिमट गई है। हालांकि, थोक में अभी दाम में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन फुटकर व्यापारी बाजार में मनमाने दाम वसूलने से भी नहीं चूक रहे हैं। टमाटर जहां 30 से 40 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। वहीं, आलू भी 20-30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।

अन्य सब्जियों का भी कमोबेश यही हाल है। फल-सब्जियों के दामों में इजाफा होने के साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। मौसमी सब्जियों पर भी बारिश के कारण असर पड़ा है। दो दिन में ही सब्जियां खराब हो रही हैं। निरंजनपुर मंडी में ही सड़ी-गली सब्जियों का अंबार लगा नजर आता है। चकराता के किसान अमित चौहान का कहना है कि टमाटर और आलू की फसल खेतों में ही खराब हो रही है। बारिश के कारण पहाड़ों में भूस्खलन से मार्ग बंद हो रहे हैं। दो से तीन दिन तक मार्ग बंद रहने से सब्जी को नुकसान पहुंचता है। स्थानीय उत्पाद दून की मंडी तक नहीं भेज पा रहे हैं।

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