कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा-आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पांच आक्सीजन बेड की व्यवस्था हो

देहरादून जिले के कोविड उपचार व्यवस्था के प्रभारी व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सहस्रधारा स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पांच ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था के निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए। इन पांच बेड में आक्सीजन की आपूर्ति आक्सीजन कंसंट्रेटर पर आधारित होगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:57 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:57 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा-आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पांच आक्सीजन बेड की व्यवस्था हो
सोमवार को सहस्रधारा स्थित आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र का कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने निरीक्षण किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून जिले के कोविड उपचार व्यवस्था के प्रभारी व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सहस्रधारा स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पांच ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था के निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए। इन पांच बेड में आक्सीजन की आपूर्ति आक्सीजन कंसंट्रेटर पर आधारित होगी।

सोमवार को सहस्रधारा स्थित आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र का कैबिनेट मंत्री ने निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में दूर-दराज के गांवों की निर्भरता है। इसलिए जल्द ही संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था की जाए। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक आयुर्वेदिक डॉ. आरपी सिंह, डॉ. केएस नपच्याल, जिला आयुर्वेद व युनानी अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह आदि मौजूद रहे।

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा के प्रयोग की अनुमति को पत्र

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर कोरोना काल में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा के प्रयोग की अनुमति के संबंध में विधिनुसार कार्रवाई के लिए कहा है।

पत्र में गणेश जोशी ने कहा कि राज्य गठन के बाद से आयुर्वेदिक एवं युनानी चिकित्सक लगातार सेवाएं दे रहे हैं। इन चिकित्सकों ने समय-समय पर राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के कार्यक्रमों, यात्राओं तथा आपदाओं एवं कुंभ मेले में सराहनीय कार्य किया है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक अपनी शिक्षा के दौरान आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े सभी विषयों को भी पढ़ते हैं।

पूर्ववर्ती एवं वर्तमान कोविड-19 महामारी के दौरान भी एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सक कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे है। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश, हिमाचल तथा छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा के प्रयोग की अनुमति दी है। इसका संदर्भ लेते हुए उत्तराखंड में भी आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा के प्रयोग की अनुमति दी जाए।

डीआइएमएस में 64 आक्सीजन बेड उपलब्ध

कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है । ऐसे में अब सहसपुर में शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (डीआइएमएस) में भी कोरोना के मरीजों को इलाज मिल सकेगा। कॉलेज के एमडी तुषित रावत ने बताया कि अस्पताल में 64 आक्सीजन बेड, 14 आईसीयू बेड और पांच वेंटिलेटर बेड उपलब्ध रहेंगे। मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम करेगी। कॉलेज की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुकृति गुसाईं रावत ने बताया कि अब प्रदेश के लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। कॉलेज में ही उन्हें पूरा इलाज मिल सकेगा। अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने मार्गदर्शन के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत का भी आभार जताया।

चार आक्सीजन बेड की सुविधा मिली

मसूरी-देहरादून रोड स्थित भट्ठा गांव के सरकारी आयुष चिकित्सालय को चार आक्सीजन बेड की सुविधा मिल गई है। जिससे अब क्षेत्रीय निवासियों को काफी राहत मिलेगी। भट्ठा-क्यारकुली ग्राम पंचायत की प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि दो दिन पहले ही मसूरी विधायक व काबीना मंत्री गणेश जोशी से भट्ठा गांव स्थित आयुष चिकित्सालय में आक्सीजन बेड की सुविधा दिए जाने की मांग की थी। जिस पर उन्होंने चिकित्सालय को पांच आक्सीजन सिलिंडर व पीपीई किट भी उपलब्ध करवाए हैं। उधर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय रिसर्च एंड एक्शन सोसायटी की ओर से चिकित्सालय को आक्सीमीटर, दवाएं, सैनिटाइजर, मास्क और काढ़ा भी उपलब्ध करवाया गया है। सोसायटी की प्रदेश अध्यक्ष नेहा जोशी ने कहा कि संस्था आने वाले दिनों में उत्तरकाशी, टिहरी व चमोली में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कार्य करेगी।

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