Disaster in Uttarakhand: उत्‍तराखंड में बचाव एवं राहत कार्यों में सेना व वायुसेना ने भी संभाला मोर्चा

उत्‍तराखंड में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। यह जनजीवन पर भारी पड़ा है। अतिवृष्टि और भूस्खलन से दो दिनों में 40 से अधिक व्यक्तियों को जान गंवानी पड़ी। इसकी को देखते हुए बचाव एवं राहत कार्यों में सेना और वायुसेना की मदद ली जा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:54 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:54 AM (IST)
Disaster in Uttarakhand: उत्‍तराखंड में बचाव एवं राहत कार्यों में सेना व वायुसेना ने भी संभाला मोर्चा
रामनगर के सुंदरखाल गांव में कोसी की बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर ले जाता हेलीकाप्टर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में आई आपदा के बाद बचाव एवं राहत कार्यों में सेना और वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। केंद्र सरकार के निर्देश पर वायुसेना के तीन हेलीकाप्टर यहां तैनात किए गए हैं। इसके अलावा लखनऊ से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन और टीमें उत्तराखंड भेजी जा रही हैं, जबकि उसकी दो टीमें पहले ही मोर्चे पर डटी हैं। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) व जल पुलिस की पांच-पांच अतिरिक्त टीमें भी कुमाऊं भेजी गई हैं।

प्रदेश में मौसम का बिगड़ा मिजाज जनजीवन पर भारी पड़ा है। अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण पिछले दो दिनों में 30 से अधिक व्यक्तियों को जान गंवानी पड़ी है। साथ ही बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही सरकार ने बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए हैं। केंद्र सरकार भी इसमें भरपूर सहयोग कर रही है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में स्थिति की जानकारी ली। साथ ही बचाव एवं राहत कार्यों में राज्य को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

रामनगर (नैनीताल)। बाढ़ में फंसे लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने कुछ इस तरह रेस्क्यू कर निकाला।@JagranNews @MygovU @IAF_MCC #UttarakhandRain pic.twitter.com/qaaOjNw6rv

— Amit Singh (@Join_AmitSingh) October 19, 2021

इस बीच मंगलवार को सेना के साथ ही वायुसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि वायुसेना के एक हेलीकाप्टर ने पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उड़ान भरी, लेकिन खराब मौसम के कारण उसे जौलीग्रांट लौटना पड़ा। नैनीताल व ऊधमसिंहनगर जिलों के लिए दो हेलीकाप्टर पंतनगर में तैनात किए गए हैं। वायुसेना ने नैनीताल के प्रभावित क्षेत्र से 25 व्यक्तियों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उन्होंने यह भी बताया कि एनडीआरएफ की दो टीमें कुमाऊं क्षेत्र में पहले से ही तैनात हैं। अब लखनऊ से तीन और टीमें यहां आ रही हैं। जरूरत पड़ने पर इनकी मदद भी ली जाएगी। उत्तराखंड सब एरिया के निर्देशन में सेना ने नैनीताल व टनकपुर क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दिया।

उधर, एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस की जल पुलिस की टीमें निरंतर बचाव व राहत कार्यों में जुटी हैं। डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 30 स्थानों पर एसडीआरएफ तैनात है। मंगलवार को कुमाऊं क्षेत्र में ज्यादा नुकसान होने के मद्देनजर गढ़वाल क्षेत्र और रिजर्व में तैनात जवानों की पांच अतिरिक्त टीमें वहां भेजी गई हैं। साथ ही हरिद्वार से जल पुलिस की पांच अतिरिक्त टीमें भी भेजी गई हैं। इन सभी टीमों को राफ्ट, लाइफ सेविंग जैकेट, रस्सियां समेत अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई हैं।

सेना के हेलीकाप्टर ने बाढ़ में फंसे 25 ग्रामीणों को किया रेस्क्यू

वन ग्राम सुंदरखाल में कोसी नदी की बाढ़ में फंसे 31 लोगों को 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया गया। दिल्ली से पहुंचे वायुसेना के हेलीकाप्टर से 25 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। छह ग्रामीणों को पहले ही राफ्ट की मदद से निकाला जा चुका था। वन ग्राम सुंदरखाल कोसी नदी के किनारे स्थित है। सोमवार रात 12 बजे से कोसी नदी में अचानक पानी बढ़ने से ग्रामीणों की झोपड़ियां बाढ़ की चपेट में आ गई। मंगलवार प्रात: सात बजे 15 झोपड़ियों में करीब 50 ग्रामीणों के बाढ़ में फंसने की जानकारी मिली। इस पर मंडी समिति अध्यक्ष राकेश नैनवाल ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को स्थिति बताई। भट्ट ने सेना का हेलीकाप्टर भेजने का आश्वासन दिया। हेलीकाप्टर पहुंचने तक अगिशमन विभाग की टीम व ग्रामीणों ने छह लोगों को राफ्ट के जरिए निकाल लिया। अपराह्न् तीन बजे सुंदरखाल पहुंचे सेना के हेलीकाप्टर से रेस्क्यू अभियान चला 25 ग्रामीणों को भी रेस्क्यू कर लिया। बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकाप्टर से बचाने के लिए पहली बार हेलीकाप्टर का उपयोग हुआ है।

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