Good News: उत्तराखंड में 155 संस्कृत शिक्षकों को मिला तोहफा, मानदेय में हुआ इजाफा

उत्तराखंड में संस्कृत को राजभाषा का दर्जा दे चुकी सरकार ने प्रबंधकीय व्यवस्था में कार्यरत 155 संस्कृत शिक्षकों को तोहफा दिया है। मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों के मानदेय में पांच हजार रुपये से ज्यादा वृद्धि को मंजूरी दी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 10:53 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 10:53 AM (IST)
Good News: उत्तराखंड में 155 संस्कृत शिक्षकों को मिला तोहफा, मानदेय में हुआ इजाफा
उत्तराखंड में 155 संस्कृत शिक्षकों को मिला तोहफा, मानदेय में हुआ इजाफा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में संस्कृत को राजभाषा का दर्जा दे चुकी सरकार ने प्रबंधकीय व्यवस्था में कार्यरत 155 संस्कृत शिक्षकों को तोहफा दिया है। मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों के मानदेय में पांच हजार रुपये से ज्यादा वृद्धि को मंजूरी दी। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने संस्कृत को बढ़ावा देने की अपनी नीति के तहत शिक्षकों को राहत दी है। उन्होंने बताया कि प्रबंधकीय व्यवस्था में पांच वर्ष से पढ़ा रहे शिक्षकों को अब 10 हजार के स्थान पर 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसी तरह पांच से 10 वर्ष तक अध्यापनरत शिक्षकों को 25 हजार रुपये, 10 वर्ष से ज्यादा समय से पढ़ा रहे शिक्षकों को 30 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने को मंजूरी दी गई है। जिन शिक्षकों के पास यूजीसी के मानकों के मुताबिक निर्धारित योग्यता है, एमफिल की उपाधि है, उन्हें पांच हजार रुपये अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। 

समायोजन होगा, वरिष्ठता नहीं मिलेगी 

मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच कार्मिक आवंटन को लेकर नीतिगत फैसले को मंजूरी दी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 20 वर्षों से कार्यरत उत्तरप्रदेश कैडर के कार्मिकों उत्तराखंड में समायोजन का मौका मिलेगा। उनको राज्य सेवा संबंधी लाभ इस शर्त के साथ दिया जाएगा कि यहां की वरिष्ठता के क्रम में वे निचले स्तर पर रहेंगे।एसटीएफ में छह पद बढ़ स्पेशल टास्क फोर्स में विभिन्न श्रेणी में छह अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। पहले ये पद 32 थे। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 38 करने को स्वीकृति मिली है। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में तकनीकी, अभियंत्रण विंग का गठन को सहमति दी। इसमें 6 तकनीकी पद सृजित किए गए हैं। इनमें अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के एक-एक और सहायक अभियंता व अवर अभियंता के दो-दो पद शामिल हैं।

पंचायत प्रतिनिधियों की बहाल रहेगी सदस्यता 

मंत्रिमंडल ने अहम फैसला लेते हुए जिला पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों के ऐसे प्रतिनिधियों का पद बहाल रखा है, जिनके क्षेत्र शहरी निकाय में शामिल किए जा चुके हैं। इसके लिए उत्तराखंड पंचायतीराज संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई है। इसके तहत जिला पंचायतों व क्षेत्र पंचायतों के प्रतिनिधियों की सदस्यता निकाय बनने के बाद भी बहाल रहेगी।

उनका कार्यकाल पूरा होने तक सदस्यता समाप्त नहीं होगी, बल्कि वे उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। मंत्रिमंडल ने कोविड काल में छात्रवृत्ति का 100 प्रतिशत भौतिक सत्यापन न होने के कारण जिलाधिकारी को अधिकार दिया है कि वह रैंडम आधार पर 10 प्रतिशत सूची का सत्यापन कर लेंगे। मंत्रिमंडल ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया। इसे मंत्रिमंडल की अगली बैठक में दोबारा रखा जाएगा।

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