इग्नू की सत्रांत परीक्षा के लिए 15 जून तक करें आवेदन, पढ़िए पूरी खबर

इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की शीतकालीन सत्रांत परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म भरे जा रहे हैं। परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 15 जून है। शिक्षार्थियों को इग्नू की वेबसाइट पर सत्रांत परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 02:05 PM (IST)
इग्नू की सत्रांत परीक्षा के लिए 15 जून तक करें आवेदन, पढ़िए पूरी खबर
इग्नू की सत्रांत परीक्षा के लिए 15 जून तक करें आवेदन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की शीतकालीन सत्रांत परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म भरे जा रहे हैं। परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 15 जून है। शिक्षार्थियों को इग्नू की वेबसाइट पर सत्रांत परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। परीक्षा आवेदन शुल्क प्रति विषय 200 रुपये है। इग्नू के दून स्थित क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत दो जेल केंद्रों समेत 14 अन्य स्थानों पर परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।  

इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ.आशा शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण जून की सत्रांत परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इन परीक्षाओं के प्रारंभ होने की तिथि की घोषणा परीक्षा से लगभग दो सप्ताह पहले की जाएगी।

इग्नू की सत्रांत परीक्षा जून के सत्रीय कार्य या असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई है। सत्रीय कार्य अध्ययन केंद्रों पर जमा किए जा रहे थे। हालांकि अभी महामारी के कारण केंद्रों के बंद रहने से सत्रीय कार्य जमा करने में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। इस संबंध में इग्नू क्षेत्रीय केंद्र एवं अध्ययन केंद्रों की ओर से शिक्षार्थियों को विभिन्न माध्यमों से सूचित किया जा रहा है। शिक्षार्थी ऑनलाइन भी सत्रीय कार्य या असाइनमेंट जमा करा सकते हैं। 

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गरीब बच्चों का रखें विशेष ध्यान: आयोग

शहर के विभिन्न चौक चौराहे और बाजार में गुब्बारे व अन्य सामान बेचने वाले और भीख मांगने वाले बच्चे इन दिनों कोरोना कफ्र्यू के चलते आर्थिक रूप से परेशान हैं। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए जिला प्रबोशन अधिकारी को बच्चों की सुरक्षा व आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। 

मदर एंजिल चिल्ड्रन सोसायटी के अध्यक्ष जहांगीर आलम ने 15 मई को बाल आयोग को पत्र भेजा। जिसमें उन्होंने बताया कि शहर में काफी संख्या में गुब्बारे बेचने और भीख मांगने वाले बच्चों की कोविड कफ्र्यू के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। संबंधित विभाग भी बच्चों की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। साथ ही मानव तस्करी का भी भय बना हुआ है।

आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि शिकायकर्त्‍ता ने इस संबंध में पुलिस की ओर से ऑपरेशन मुक्ति के तहत अभियान के साथ ही इन बच्चों के सुरक्षा और आर्थिक सहायता की मांग की है। उन्होंने बताया कि जिला प्रबोशन अधिकारी मीना बिष्ट को निर्देशित किया गया है कि इस प्रकरण में शिकायकर्ता से संपर्क करते हुए जिला प्रशासन के सहयोग से ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता स्पांसरशिप योजना, राशन आदि दिलाए। 

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