एएनएम को पदोन्नति में मिलेगी छह माह की छूट, कैबिनेट में लाया जाएगा अनिवार्य प्रशिक्षण की छूट का मसला
उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एएनएम को पदोन्नति में छह माह के अनिवार्य प्रशिक्षण की बाध्यता से छूट देने की तैयारी कर रहा है। कैबिनेट में अनिवार्य प्रशिक्षण की छूट का मसला लाया जाएगा। तकरीबन 250 पदों को भरा जा सकेगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। स्वास्थ्य महकमा प्रदेश में कार्यरत एएनएम (आग्जलरी नर्स मिडवाइफ) को पदोन्नति में छह माह के अनिवार्य प्रशिक्षण की बाध्यता से छूट देने की तैयारी कर रहा है। एएनएम की पदोन्नति में आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे तकरीबन 250 पदों को भरा जा सकेगा। इसके अलावा विभाग एएनएम की नई सिरे से सेवा नियमावली भी बनाई जा रही है। इसमें आरक्षण, शैक्षिक योग्यता, परीक्षा पद्धति व अन्य सेवा शर्तों के बदलाव की तैयारी है।
प्रदेश में अभी एएनएम के तकरीबन 2500 पद हैं। ये पद लगभग भरे हुए हैं। एएनएम से पदोन्नति का अगला पद सुपरवाइजर का है। इस समय विभाग में सुपरवाइजर के पदोन्नति के 250 पद रिक्त चल रहे हैं। दरअसल, इसमें एक पेच है। वह यह कि एएनएम को छह माह का विभागीय प्रशिक्षण जरूरी है। इस समय विभाग में कई एएनएम ने यह प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है। पदोन्नति के लिए यह प्रशिक्षण जरूरी है। ऐसा उत्तराखंड में ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पदोन्नति में छह माह के प्रशिक्षण की बाध्यता से मुक्त रखने को कहा है। यह छूट केवल एक ही बार दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर विधि विभाग ने भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। अब इसे कैबिनेट में रखने की तैयारी है। इससे एएनएम की पदोन्नति की राह प्रशस्त हो जाएगी।
इसी के साथ एएनएम की नई सेवा नियमावली भी तैयार की जा रही है। इस नियमावली में सबसे बड़ा बदलाव भर्ती परीक्षा को लेकर किया जा रहा है। अभी तक यह परीक्षा 200 अंकों की होती थी। अब इसे 100 अंकों का किया जा रहा है। इसके साथ ही इसमें सरकार द्वारा कुछ समय पहले किए गए आरक्षण में बदलाव की व्यवस्था को शामिल किया जाना है। सूत्रों की मानें तो यह प्रस्ताव भी आगामी कैबिनेट में प्रस्तुत किया जा सकता है।
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