एएनएम ने काला फीता बांधकर किया काम, इन मांगों पर कार्रवाई न होने से हैं नाराज

एसीपी पदोन्नति सहित अन्य मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। प्रदेशभर की एएनएम ने गुरुवार को काला फीता बांधकर काम किया। उनका यह विरोध 20 अप्रैल तक चलेगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:46 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:46 AM (IST)
एएनएम ने काला फीता बांधकर किया काम, इन मांगों पर कार्रवाई न होने से हैं नाराज
एएनएम ने काला फीता बांधकर किया काम।

जागरण संवाददाता, देहरादून। एसीपी, पदोन्नति सहित अन्य मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। प्रदेशभर की एएनएम ने गुरुवार को काला फीता बांधकर काम किया। उनका यह विरोध 20 अप्रैल तक चलेगा। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई तो एएनएम 21 अप्रैल से बेमियादी कार्य बहिष्कार करेंगी। कोविड टीकाकरण, नियमित टीकाकरण व तमाम अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम का बहिष्कार कर वह स्वास्थ्य महानिदेशक का घेराव करेंगी।

मातृ शिशु और परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा ने कहा कि विभाग की ओर से महिला स्वास्थ्य कर्मियों की लंबित मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे कोरोनाकाल में अग्रिम मोर्चे पर रहकर अपनी सेवा दे रही स्वास्थ्य कर्मी आक्रोशित हैं। संगठन कई बार शासन व विभागीय स्तर पर वार्ता कर चुका है, पर समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने महिला स्वास्थ्य कर्मियों को द्वितीय एसीपी में 5400 ग्रेड वेतन, बिना प्रशिक्षण वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति, नई नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों को मूल वेतन 5200-2020 व दो हजार के स्थान पर 2800 ग्रेड वेतन, दुर्गम क्षेत्र में तैनात नई महिला स्वास्थ्य कर्मियों से तीन विकल्प लेकर गृह जनपद में तैनाती, महिला स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की ओर से सत्यापित करने, पदनाम एएनएम/बीएचडब्ल्यू से परिवर्तित कर महिला स्वास्थ्य अधिकारी करने और कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहीं महिला स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संगठन व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय से मिला था। उन्होंने आश्वस्त किया था कि जल्द ही शासन, स्वास्थ्य महानिदेशालय व संघ पदाधिकारियों की त्रिपक्षीय बैठक आयोजित कर महिला स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। 

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