उत्तराखंड: वेतन भुगतान न होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं में रोष, आंदोलन की दी चेतावनी

उत्तराखंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता लंबित मानदेय भुगतान को लेकर परेशान हैं। अधिकांश कार्यकर्त्ताओं को अभी मई-जून का मानदेय नहीं मिला है। समय पर मानदेय न मिलने की समस्या वर्षों से बनी हुई है। यह हाल तब जब मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को हर माह मानदेय भुगतान के निर्देश दिए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 04:08 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 04:08 PM (IST)
उत्तराखंड: वेतन भुगतान न होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं में रोष, आंदोलन की दी चेतावनी
वेतन भुगतान न होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं में रोष, आंदोलन की दी चेतावनी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता लंबित मानदेय भुगतान को लेकर परेशान हैं। अधिकांश कार्यकर्त्ताओं को अभी मई-जून का मानदेय नहीं मिला है। समय पर मानदेय न मिलने की समस्या वर्षों से बनी हुई है। यह हाल तब है, जब बीते जून में विभागीय बैठक में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को हर माह मानदेय भुगतान के निर्देश दिए थे। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

उत्तराखंड में 20,068 बड़े और 5140 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें तकरीबन 45 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और सहायिका कार्यरत हैं। इनमें से 25 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान घर-घर जाकर प्रवासियों की जानकारी, संक्रमित मरीज का स्वास्थ्य, दवा आदि जानकारी हर दिन विभाग को उपलब्ध कराई।कार्यकत्ताओं का कहना है कि लंबे समय से मानदेय महीनेवार न मिलने से उनके सामने आर्थिक परेशानी बढ़ रही है।

विभागीय अधिकारी व मंत्री को इस संबंध में अवगत करा चुके हैं, इसके बादभी स्थिति जस की तस है, ऐसे में उनके सामने सड़कों पर उतरने का ही विकल्प बचा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि बीते जून में विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने भी वेतन का शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी अनदेखा कर रहे हैं। यदि मांग पूरी न हुई तो सड़कों उतरना पड़ेगा।

उत्तरांचल आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रांतीय महामंत्री सुशीला खत्री का कहना है कि संगठन के पास हर दिन समय पर वेतन भुगतान को लेकर कार्यकर्त्ता फोन कर रहे हैं। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए, जिससे कार्यकर्त्ताओं को हर माह मानदेय का भुगतान हो सके। मांग पूरी न होने पर उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में कल आधी रात से हड़ताल पर चले जाएंगे बिजली कर्मी, आमजन से की गई ये अपील

chat bot
आपका साथी