उत्तराखंड: आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को मिलेगा नंदा-गौरा योजना का लाभ, कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव

आंगनबाडी कार्यकर्त्ताओं को नंदा-गौरा योजना से लाभान्वित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही उन्हें महालक्ष्मी किट का लाभ भी दिया जाएगा। मंत्री ने कोरोना अवधि में आंगनबाडी कार्यकत्ताओं के योगदान की सराहना भी की।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 05:11 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:11 PM (IST)
उत्तराखंड: आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को मिलेगा नंदा-गौरा योजना का लाभ, कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को मिलेगा नंदा-गौरा योजना का लाभ, कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में आंगनबाडी कार्यकर्त्ताओं को नंदा-गौरा योजना से लाभान्वित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही उन्हें महालक्ष्मी किट का लाभ भी दिया जाएगा। मंत्री ने कोरोना अवधि में आंगनबाडी कार्यकत्ताओं के योगदान की सराहना भी की। संगठन ने मंत्री के सामने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं, मिनी कार्यकर्त्ता और सहायिकाओं के वेतन के साथ ही मानदेय में वृद्वि की मांग रखी। इसपर मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।

उत्तराखंड की महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विधान सभा स्थित सभा कक्ष में आंगनबाडी कार्यकर्त्ता और सहायिकाओं के सेवा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए आंगनबाडी संगठनों के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक बताया गया कि मिनी आंगनबाडी केंद्र पर कार्य करने वाले कार्यकर्त्ताओं को कभी-कभी अधिक जनसंख्या पर कार्य करना पड़ता है, इसलिए यहं सहायिका का पद भी दिया जाए।

इसपर मंत्री रेखा आर्य ने निर्देश दिया कि इस संबंध में एक सर्वे कर लिए जाए कि किन-किन स्थलों पर अधिक जनसंख्या के अनुपात पर मिनी आंगनबाडी कार्यकर्त्ता कार्य कर रही हैं, जिससे इसकी सूची तैयार करके दोबारा समायोजन किया जा सके। वहीं, शीतकालीन-ग्रीष्म कालीन अवकाश की मांग पर भी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसको लेकर अन्य राज्यों का अध्ययन कर लिया जाए। वहीं, आंगनबाडी कार्यकर्त्ता और सहायिकाओं को चिकित्सा अवकाश लेने के संबंध में मंत्री कहा कि पदोन्नति के समय इसे उनकी सर्विस ब्रेक न समझा जाए।

आंगनबाड़ी संगठन ने मंत्री रेखा आर्य के सामने ये बात भी रखी कि जनपद में नियमित कार्य के अलावा अन्य सरकारी कार्यों में भी उनकी ड्यूटी लगाई जाती है। कई बार एक आंगनबाडी कार्यकर्त्ता को अनेक कार्यालय द्वारा ड्यूटी के आदेश प्राप्त होते हैं। इस पर मंत्री ने सचिव को निर्देश दिया कि जिलाधिकारियों को पत्र लिखा जाए कि सभी ड्यूटी जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से लगायी जाएं, जिससे ड्यूटी को तार्किक आधार पर लगाया जा सके। आंगनबाडी कार्यकर्त्ताओं को नंदा देवी गौरा योजना से लाभान्वित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और महालक्ष्मी किट का लाभ भी दिया जाएगा। मंत्री ने कोरोना अवधि में आंगनबाडी कार्यकत्ताओं के योगदान की सराहना भी की।

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बैठक में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के सचिव, हरीश चन्द्र सेमवाल, कार्यकारी निदेशक एस के सिंह, उप निदेशक अखिलेश मिश्रा, भारती तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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