खाते में किस महीने का वेतन आया नहीं चल रहा पता, इससे बेहद परेशान हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

कोरोनाकाल में लगातार सेवाएं दे रहे राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबित वेतन भुगतान को लेकर हमेशा से ही परेशान हैं। विभाग की ओर से वेतन एक साथ जारी नहीं किया जाता है। अगर ज्यादा महीने का आता है तो पता नहीं चलता किस महीने का भुगतान हुआ है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:05 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:05 PM (IST)
खाते में किस महीने का वेतन आया नहीं चल रहा पता, इससे बेहद परेशान हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
खाते में किस महीने का वेतन आया नहीं चल रहा पता, इससे बेहद परेशान हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनाकाल में लगातार सेवाएं दे रहे राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबित वेतन भुगतान को लेकर हमेशा से ही परेशान हैं। विभाग की ओर से न तो एक साथ वेतन जारी किया जाता और अगर दो या तीन महीने का वेतन एक साथ आता भी है तो उनके खाते में इसका जिक्र नहीं होता कि किस-किस महीने का वेतन आया और कब का रुका है। यह हाल तब है, जब बीते महीने में विभागीय राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बैठक के दौरान अधिकारियों को इस समस्या का समाधान के निर्देश दिए थे।

उत्तराखंड की बात करें तो यहां 20,068 बड़े, जबकि 5140 मिनी मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें तकरीबन 45 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। इनमें से 25 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कोरोना की दूसरी लहर में घर-घर जाकर प्रवासियों की जानकारी, संक्रमित मरीज का स्वास्थ्य, दवा आदि जानकारी हर दिन विभाग को उपलब्ध करवा रही हैं।

दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वेतन जारी होता है। इनमें कार्यकर्ताओं को 3000 राज्य और 4500 केन्द्र सरकार वहन करते हैं, जबकि सहायिका को 1500 और 2250 मिलता है। पर, लंबे समय से वेतन महीनेवार न मिलने से वे परेशान हैं। यह वक्त है, जब अधिकांश कार्यकर्ता कोरोनाकाल में सेवाएं दे रही हैं। इसमें हर महीने जब कार्यकर्ता अपने खाते की पासबुक एंट्री करवाते हैं तो उसमें महीनेवार वेतन का जिक्र नहीं होता, जिससे उन्हें यह पता नहीं चलता कि किस किस महीने का वेतन भुगतान हुआ और कौन से महीने का अभी लंबित है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि हर महीने का वेतन ब्लॉक स्तर पर जारी होता है, जिसे सुपरवाइजर वैरिफाई के बाद ट्रेजरी में एक साथ स्टीमेट बनाते हैं और कार्यकर्ताओं के अकाउंट में डालते हैं। लेकिन यहां दो, तीन और कभी तो चार-चार महीने का वेतन एक साथ आता है। इससे पता करने में परेशानी होती है कि किस महीने का आया और किस महीने का आना बाकी है। सरकार को चाहिए कि हर महीने की सात तारीख से पहले वेतन जारी हो।

विभागीय मंत्री ने भी इस संबंध में अधिकारियों को बैठक के दौरान समस्या का हल करने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थिति जस की तस है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान का कहना है कि इस समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों से लेकर मंत्री के संज्ञान में लाए, लेकिन अभी तक हर महीने का वेतन नहीं मिला। वेतन कब आएगा और कितने महीने का आएगा, इसका भी कार्यकर्ताओं को पता नहीं होता।

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