Anganbadi workers Protest: देहरादून में मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ताओं ने किया मुख्‍यमंत्री आवस कूच

आज मंगलवार को मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ताओं ने सीएम आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस ने हाथीबड़कला के पास उन्‍हें रोक दिया। इस पर पुलिस और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ताओं में धक्‍कामूक्‍की हुई। इस दौरान वे वहीं धरने पर बैठ गईं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 03:01 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 03:01 PM (IST)
Anganbadi workers Protest: देहरादून में मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ताओं ने किया मुख्‍यमंत्री आवस कूच
विभिन्न मांगों को लेकर सभी जिलों से दून पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Anganbadi workers Protest समान मानदेय बढ़ोतरी, सरकारी कर्मचारी घोषित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर सभी जिलों से दून पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि हाथीबड़कला के पास पुलिस ने बेरिकेड लगाकर वहीं रोक दिया। पुलिस द्वारा समझाने पर भी कार्यकर्त्ता आगे बढ़ने लगे, इस दौरान कार्यकर्त्ताओं की पुलिस से धक्कामुक्की हुई। मुख्यमंत्री से वार्ता करने पर अड़े कार्यकर्त्ता देर रात तक वहीं धरने पर डटे रहे।

आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका मिनी कर्मचारी संगठन के बैनर तले सभी जिलों से कार्यकर्त्ता मंगलवार को गांधी पार्क के बाहर एकत्र हुए। यहां से 12 बजे मुख्यमंत्री आवास के लिए रैली निकाली। हाथीबड़कला से ठीक पहले पुलिस बल द्वारा बेरिकेड लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन इसके बाद भी कार्यकत्र्ता आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस के साथ काफी देर तक नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई।

कार्यकर्त्ताओं ने मांग पूरी न होने पर नाराजगी जताते हुए नारेबाजी की और वहीं धरने पर बैठ गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता के बाद ही धरना समाप्त करने पर अड़ गईं। देर रात तक कुछ जिलों की कार्यकर्त्ता वापस लौटीं, लेकिन अधिकांश वहीं धरने पर डटी रहीं। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि लगातार मांग के बाद भी सरकार अनदेखा कर रही है, जिससे राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं में आक्रोश है।

चुनाव से पहले यह संगठन का अंतिम कूच है, इसीलिए मंत्री, विभागीय अधिकारी और प्रशासन से वार्ता करने के बजाय मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रशस्ति पत्र देने के बजाय उन्हें सम्मानजक वेतन दे। कार्यकर्त्ता व सहायिका को एक समान वेतन प्रतिदिन 600 रुपये अथवा 18 हजार रुपये महीना दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन किराया और पोषण अभियान के तहत कार्यकर्त्ताओं का बकाया भुगतान शीघ्र जारी किया जाए। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिकाओं का नवंबर-दिसंबर 2019 का धरने के दौरान का कटा हुआ मानदेय का भुगतान हो। इस मौके पर पुष्पा सजवाण, अर्चना, रेनुका कोहली, सविता चौहान, अनिता गुरुंग, पिंकी सिंह, अंजू मौर्य, संध्या नेगी, नीलम पालीवाल, सुनीता, पूनम आदि मौजूद रहे।

मंत्री, निदेशक काम का नहीं करते आकलन

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि विभागीय मंत्री, निदेशक को कार्यकर्त्ताों द्वारा दिनभर किए जाने वाले कार्य का पता नहीं है, जिस तरह से मेहनत की जाती है, उस दिशा में विभागीय अधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए। राखी बांधी लेकिन तोहफा देना भूल गएआंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता विजय लक्ष्मी नौटियाल ने कहा कि रक्षाबंधन पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राखी बांधी थी, आशाओं की मांग पूरी हो चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के मानदेय बढ़ोतरी का तोहफा देना भूल गए। आने जाने वालों को परेशानी स्कूल से छुट्टी होने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही विभिन्न कार्य के लिए पैदल चलने वाले लोग को बैरिकेड लगने से परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में पुलिस ने एक तरफ बेरिकेड हटाकर आने जाने वालों के लिए रास्ता बनाया।

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