कर्मचारियों व पेंशनर की अटल आयुष्मान योजना में होगा संशोधन
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए शुरू की गई अटल आयुष्मान योजना में संशोधन की तैयारी चल रही है। इस प्रस्ताव में पेंशनरों से लिए जा रहे अंशदान में कटौती और अस्पतालों को एक ही पैकेज में लिए जाने के संबंध में उचित कार्यवाही की संस्तुति की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए शुरू की गई अटल आयुष्मान योजना में संशोधन की तैयारी चल रही है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इसका एक प्रस्ताव शासन को सौंपा है। सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव में पेंशनरों से लिए जा रहे अंशदान में कटौती और अस्पतालों को एक ही पैकेज में लिए जाने के संबंध में उचित कार्यवाही की संस्तुति की गई है। इसके लिए सास-ससुर को भी आश्रितों में शामिल करना व ओपीडी जांच तथा दवाओं की व्यवस्था आदि शामिल है।
माना जा रहा है कि शासन स्तर पर इसका अध्ययन करने के बाद इसे कैबिनेट के सम्मुख लाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज को अटल आयुष्मान योजना लागू की है। इससे इसके एवज में न्यूनतम वेतन स्तर से अधिकतम वेतन स्तर की चार श्रेणियों में काॢमकों व पेंशनरों से 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक अंशदान लिया जा रहा है। इसके लिए गोल्डन कार्ड भी बना कर दिए गए हैं। इस योजना के शुरू होने के बाद से ही कर्मचारी इसमें तमाम विसंगतियों का जिक्र करते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनसे अंशदान लिए जाने के बाद ओपीडी शुल्क और ओपीडी की जांच निश्शुल्क नहीं की गई है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से जो दरें तय की गई हैं, वे भी कम हैं।
यह भी पढ़े- Haridwar Kumbh Mela 2021: उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं पर सख्ती, 570 वाहन लौटाए
इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि अस्पतालों को अलग-अलग बीमारियों का इलाज करने को अधिकृत किया गया है। ऐसे में दो या अधिक बीमारी के लिए मरीज को अलग-अलग अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कर्मचारी प्रदेश के बाहर के अस्पतालों में भी बिना रेफरल के इलाज करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, उनकी एक प्रमुख मांग पेंशनर्स से कार्यरत कर्मचारी के सापेक्ष कम अशंदान लेने की भी है। इसे लेकर हाल ही में कर्मचारी संगठन और शासन के बीच एक-दो दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं।
यह भी पढ़े- Coronavirus Outbreak: दूसरे राज्यों के छात्रों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट पर ही मिलेगा प्रवेश
सूत्रों की मानें तो इस कड़ी में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना के कुछ बिंदुओं में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें इस योजना को राज्य स्वास्थ योजना की जगह केंद्रीय स्वास्थ योजना की तरह लागू करना है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि बैठकों में कुछ बिंदु सामने निकल कर आए हैं, जिनमें संशोधन किया जा सकता है। जल्द ही विस्तृत विचार विमर्श के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है।यह भी पढ़े- ऋषिकेश नगर निगम महापौर बोलीं, सेवा, समर्पण और त्याग की मिसाल है आरएसएस
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें