मसूरी के लिए बनेगा वैकल्पिक मार्ग, ये नंदा की चौकी से शुरू होकर डूंगा से मसूरी वाया हाथीपांव से गुजरेगा

डीएम ने अधिकारियों को मार्ग निर्माण का प्रस्ताव जल्द तैयार करने को कहा। यह मार्ग चकराता रोड पर नंदा की चौकी से शुरू होकर डूंगा से मसूरी वाया हाथीपांव से गुजरेगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 10:37 AM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 10:37 AM (IST)
मसूरी के लिए बनेगा वैकल्पिक मार्ग, ये नंदा की चौकी से शुरू होकर डूंगा से मसूरी वाया हाथीपांव से गुजरेगा
मसूरी के लिए बनेगा वैकल्पिक मार्ग, ये नंदा की चौकी से शुरू होकर डूंगा से मसूरी वाया हाथीपांव से गुजरेगा

देहरादून, जेएनएन। इस बरसात में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले मार्ग का करीब 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो जाने के बाद अब यहां के लिए एक बेहतर वैकल्पिक मार्ग की जरूरत महसूस होने लगी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर की उपस्थिति में एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को मार्ग निर्माण का प्रस्ताव जल्द तैयार करने को कहा। यह प्रस्तावित मार्ग चकराता रोड पर नंदा की चौकी से शुरू होकर डूंगा से मसूरी वाया हाथीपांव से गुजरेगा और इसकी लंबाई करीब 27 किलोमीटर होगी। अभी जो मुख्य मार्ग है, उसकी लंबाई करीब 26 किलोमीटर है।

गुरुवार को कैंप कार्यालय में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि मार्ग का एलाइनमेंट इस तरह तैयार किया जाए कि पेड़ों को कम से कम नुकसान पहुंचे। उन्होंने विधायक से भी आग्रह किया कि वह वन भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू होने पर इस काम में गति लाने के लिए सहयोग करें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जहां पर चढ़ाई अधिक है, या तीव्र मोड़ (हेयरक्लिप बैंड) हैं, वहां पुल निर्माण की संभावना तलाशी जाए। यह मार्ग पर्यटन नगरी को जोड़ेगा, लिहाजा डूंगा के आसपास ऐसी व्यवस्था की जाए कि वहां जलपान से संबंधित प्रतिष्ठान खुल सकें। साथ ही मसूरी के पास पार्किंग स्थल भी चयनित कर लिया जाए। वहीं, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने कहा कि इस मार्ग पर लोनिवि भी सर्वे कर चुका है। उनसे भी जानकारी लेकर प्रस्ताव तैयार करने का काम शरू कर दिया जाएगा। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी कालसी एसपी सिंह, विकासनगर के उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल, लोनिवि के अधिशासी अभियंता जेएस चौहान आदि उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें: VIDEO: यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर भरभराकर गिरा पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा, यातायात ठप

दो और वैकल्पिक मार्ग हैं, सफल कोई नहीं

मसूरी के लिए दो वैकल्पिक मार्ग और हैं, मगर सफल एक भी नहीं हैं। इनमे एक मार्ग गढ़ी कैंट के सप्लाई एरिया से शुरू होकर किमाड़ी गांव से कार्टमैकेंजी तक पहुंचता है। दूसरा मार्ग सहस्नधारा से कार्लिगाड़, सरोना होते हुए मसूरी के पास मिलता है। दोनों की हालत खराब रहती है। इस बारिश में जब मुख्य मार्ग बाधित हो गया था, तब इनकी जरूरत थी, मगर ये मार्ग भी भूस्खलन के चलते बाधित हो गए थे। ऐसे में सवाल यह भी है कि एक और वैकल्पिक मार्ग की योजना पर कितनी गंभीरता से अमल हो पाएगा।

VIDEO: उत्तराखंड में भूस्खलन से बढ़ीं परेशानी, जान खतरे में डाल घायल को कुछ इस तरह एंबुलेंस तक पहुंचाया

chat bot
आपका साथी