108 सेवा के अंतर्गत संचालित होंगी राज्य में सभी एंबुलेंस, पढ़ि‍ए पूरी खबर

राज्य में कोविड संक्रमण से ग्रसित व नॉन कोविड मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए सभी एंबुलेंस अब 108 आपातकालीन सेवा के अंतर्गत संचालित होंगी। इस व्यवस्था के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के स्तर पर एक नोडल अधिकारी को उत्तरदायी बनाया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 08:42 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 08:42 AM (IST)
108 सेवा के अंतर्गत संचालित होंगी राज्य में सभी एंबुलेंस, पढ़ि‍ए पूरी खबर
108 सेवा के अंतर्गत संचालित होंगी राज्य में सभी एंबुलेंस।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य में कोविड संक्रमण से ग्रसित व नॉन कोविड मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए सभी एंबुलेंस अब 108 आपातकालीन सेवा के अंतर्गत संचालित होंगी। इस व्यवस्था के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के स्तर पर एक नोडल अधिकारी को उत्तरदायी बनाया गया है।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक सोनिका ने एंबुलेंस सेवा को सुचारू बनाए जाने के लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं 108 सेवा के राज्य प्रभारी की बैठक ली। उन्हें निर्देश दिए गए कि जनपद स्तर पर एक नोडल अधिकारी केवल एंबुलेंस की त्वरित उपलब्धता के लिए कार्य करेगा। ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

महानिदेशक ने कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा के बेड़े में उपलब्ध 139 एंबुलेंस में अधिकांश एंबुलेंस को डेडिकेटेट कोविड एंबुलेंस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले दिनों जनपदों को उपलब्ध की गई सभी 132 नई एंबुलेंस भी केवल कोविड मरीजों के लिए ही इस्तेमाल हो रही हैं। इसके बावजूद भी कई जनपदों से मरीजों को यथासमय एंबुलेंस नहीं मिलने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिसे दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय नोडल अधिकारी 108 सेवा के साथ समन्वय बनाकर और मरीजों से प्राप्त कॉल के अनुसार एंबुलेंस की त्वरित उपलब्धता कराएगा।

मिशन निदेशक सोनिका ने कहा कि कोविड महामारी के दौर में नॉन कोविड मरीजों को भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी हैं। जिसमें विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं को समय पर प्रसव संबंधित सेवा के लिए एंबुलेंस की उपलब्धता अति आवश्यक है। इस तथ्य को देखते हुए कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए एंबुलेंस सेवा को किसी भी स्तर पर बाधित होने से रोका जाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

एनएचएम निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने कहा कि नोडल अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह किसी भी मरीज के कॉल को मिस न करें और प्रत्येक दशा में उनके फोन पर आने वाली कॉल को सुना जाए और मांग के अनुसार एंबुलेंस की उपलब्धता की जाए। कोविड अथवा नॉन कोविड दोनों ही दशाओं में मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के कार्य की ट्रैकिंग भी की जाए। ताकि मरीज को अस्पताल तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

कोरोना को देखते हुए जनपद स्तर पर 108 एंबुलेंस के अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग की विभागीय एंबुलेंस और जिलाधिकारी की ओर से अधिग्रहित प्राइवेट एंबुलेंस का बेड़ा तैनात किया गया है, लेकिन कुछ मामलों में समन्वय की कमी के कारण और प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों के स्तर पर शिथिलता से मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। इस कमी को दूर करने के लिए 108 सेवा के जिला कोऑडिनेटर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से नामित अधिकारी के बीच समन्वय के माध्यम से एंबुलेंस की सुविधाओं को 24 घंटे संचालित किए जाने की रणनीति बनाई गई है। बैठक में सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, मंडलीय निदेशक, सहायक निदेशक डॉ. तुहिन कुमार एवं 108 सेवा के राज्य प्रभारी अनिल शर्मा शामिल रहे।

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