उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को उड़ान माडल लांच, जानिए किस तरह करेगा काम

एम्स ऋषिकेश की सोशल आउटरीच सेल व आइआइटी रुड़की ने सुदूर क्षेत्र में जरूरतमंदों तक टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उड़ान माडल (आउटरीच टेली हेल्थ कंसल्टेशन) तैयार किया है। यह माडल इंटरनेट आधारित नहीं है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:32 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:32 PM (IST)
उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को उड़ान माडल लांच, जानिए किस तरह करेगा काम
उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को उड़ान लांच।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की सोशल आउटरीच सेल व आइआइटी रुड़की ने सुदूर क्षेत्र में जरूरतमंदों तक टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उड़ान माडल (आउटरीच टेली हेल्थ कंसल्टेशन) तैयार किया है। यह माडल इंटरनेट आधारित नहीं है। मरीज को मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज के जरिये दवा और उपचार की जानकारी मिलेगी।

शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी और एम्स ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) प्रो. मनोज गुप्ता ने संयुक्त रूप से उड़ान माडल लांच किया। स्वास्थ्य मंत्री ने सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता के लिए एम्स ऋषिकेश और आइआइटी रुड़की को धन्यवाद दिया।

आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि इस माडल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कोने-कोने तक जनमानस को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है। इसके लिए आइआइटी हर कदम पर एम्स ऋषिकेश के साथ है। एम्स के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि टेलीमेडिसिन ने स्वास्थ्य जगत में अनोखा आयाम प्रस्तुत किया है। सोशल आउटरीच सेल उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों में अब तक एक लाख से अधिक मरीज के स्वास्थ्य की देखभाल करने के अलावा स्वास्थ्य शिविर, जन जागरूकता एवं अन्य सामाजिक विषय पर शिविर आयोजित कर चुकी है।

उद्घाटन कार्यक्रम में संस्थान के डीएचए प्रोफेसर यूपी मिश्रा, सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना , प्रोफेसर ब्रिजेंद्र सिंह, डा. मोहित ढींगरा, प्रो. डी. के. त्रिपाठी, डा. कुमार सतीश रवि, डा. योगेश के अलावा रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष संदीप सिंह, विधि अधिकारी प्रदीप पांडेय आदि मौजूद थे।

कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुभव से मिली माडल बनाने की प्रेरणा

एम्स के सोशल आउटरीच सेल के नोडल आफिसर डा. संतोष कुमार ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुभव से इस माडल को बनाने की प्रेरणा मिली है। कोविड की दूसरी लहर में सुदूरवर्ती व दुर्गम क्षेत्रों में संपर्क साधना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। ग्रामीणों को स्वास्थ्य के संबंध में समय पर उचित चिकित्सकीय परामर्श नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने बताया कि उड़ान माडल के माध्यम से हम ऐसे क्षेत्रों में पहुंच पाएंगे, जहां इंटरनेट नहीं है।

उड़ान माडल इस तरह करेगा काम

डा. संतोष कुमार ने बताया कि यह माडल पांच चरण में कार्य करेगा। इसका लाभ दूरस्थ क्षेत्र में पहुंचाने के लिए एम्स कुछ चुनिंदा गांवों के जनप्रतिनिधियों से संपर्क करेगा। इसके बाद आउटरीच सेल प्रतिदिन एक गांव को कवर करेगी। फोन काल के माध्यम से दूर बैठा व्यक्ति एम्स के चिकित्सकों को अपनी बीमारी के लक्षण बता सकता है, जिस पर यह माडल तत्काल मरीज का मोबाइल नंबर अपने सर्वर में ले लेगा।

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इसके बाद चिकित्सक जो भी दवा और परामर्श मरीज को देंगे वह संबंधित मोबाइल में टेक्स्ट मैसेज के रूप में पहुंच जाएगा। सिर्फ दवा और परामर्श देने पर तक ही यह व्यवस्था सीमित नहीं रहेगी। बल्कि इसके बाद आउटरीच सेल की टीम निर्धारित समय के बाद मरीज से संपर्क स्थापित कर बीमारी की स्थिति की जानकारी भी लेगी। यदि आवश्यकता होगी तो मरीज को एम्स लाकर इलाज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक बीमारी वाले गांवों को चिह्नित करके संस्थान, गांवों में बीमारियों के कारण जानेगा तथा बचाव के लिए ठोस रूपरेखा भी तैयार करेगा।

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