आपात उपचार के लिए वरदान बना एम्स ऋषिकेश का हैलीपैड, पढ़ि‍ए पूरी खबर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश का हैलीपैड ट्रामा मरीजों की आपात चिकित्सा के लिए वरदान साबित हो रहा है। बीते पांच महीने में एयर एंबुलेंस के माध्यम से आपात उपचार के लिए 11 मरीजों को एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जा चुका है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 02:29 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 02:29 PM (IST)
आपात उपचार के लिए वरदान बना एम्स ऋषिकेश का हैलीपैड, पढ़ि‍ए पूरी खबर
एम्स ऋषिकेश का हैलीपैड ट्रामा मरीजों की आपात चिकित्सा के लिए वरदान साबित हो रहा है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश का हैलीपैड ट्रामा मरीजों की आपात चिकित्सा के लिए वरदान साबित हो रहा है। बीते पांच महीने में एयर एंबुलेंस के माध्यम से आपात उपचार के लिए 11 मरीजों को एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जा चुका है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य में सबसे बड़ी समस्या आपदाओं व दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर घायल होने वाले और अत्यधिक अस्वस्थ लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने की रहती है, जिससे तत्काल चिकित्सा से उनका जीवन बचाया जा सके। एम्स ऋषिकेश को एयर एंबुलेंस की सुविधा से जोडऩे के उद्देश्य से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत ने बीते वर्ष 11 अगस्त 2020 को एम्स के हेलीपैड का उद्घाटन किया था। उद्घाटन के बाद से ही पहाड़वासियों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगा है। 

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि उत्तराखंड और देश के किसी भी कोने से एयर एंबुलेंस द्वारा मरीज को आपात चिकित्सा के लिए एम्स ऋषिकेश लाया जा सकता है। प्रसव अवस्था, दुर्घटनाओं और आपदा के दौरान घायल व्यक्तियों के अलावा ब्रेन अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मरीजों का जीवन बचाने के लिए यह सुविधा संजीवनी से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति के दौरान एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड  में एक ही समय में तीन हेलीकॉप्टर  लैंड कर सकते हैं। संस्थान के हेली एविएशन इंचार्ज और ट्रामा विशेषज्ञ डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि एम्स में हेली एंबुलेंस लैंङ्क्षडग की सुविधा शुरू होने से राज्य के दुर्गम क्षेत्रों से एम्स ऋषिकेश की दूरी कम हो गई है। उन्होंने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन भी योजना में रूचि ले रहा है।  

दो अक्टूबर 2020 से 20 फरवरी 2021 तक हैली एंबुलेंस से एम्स पहुंचे मरीज

- 02 अक्टूबर-  पौड़ी से 55 वर्षीय ब्रेन स्ट्रोक का एक रोगी

- 15 अक्टूबर- पौड़ी से वाया देहरादून 44 वर्षीय पेनक्रियाज का एक रोगी

- 09 दिसंबर-  चमोली से कोविड पॉजिटिव तीन रोगी

- 10 दिसंबर- कर्णप्रयाग से एक कोविड मरीज

- 04 जनवरी- सहस्रधारा, देहरादून से गले के टॉन्सिल से ग्रसित पांच वर्षीय बालक

- 29 जनवरी- पौड़ी से 55 वर्षीय मुंह  में सूजन का रोगी

- 19 फरवरी- टिहरी से 28 साल की एक गर्भवती महिला

- 20 फरवरी- देवाल चमोली से सड़क दुर्घटना के दो घायल मरीज

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