चार साल में एम्स ऋषिकेश ने हासिल की कई उपलब्धियां, खोले गए 100 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट क्लीनिक

AIIMS Rishikesh Achievements एम्स ऋषिकेश ने चार साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। संस्थान में न केवल कई नई आधुनिक मेडिकल सुविधाओं की शुरुआत की गई बल्कि गरीबों और आमजन के लिए 100 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट क्लीनिक भी खोले गए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 02:07 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 02:07 PM (IST)
चार साल में एम्स ऋषिकेश ने हासिल की कई उपलब्धियां, खोले गए 100 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट क्लीनिक
चार साल में एम्स ऋषिकेश ने हासिल की कई उपलब्धियां।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। पिछले चार साल के सफर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) ऋषिकेश कई उपलब्धियां हासिल करने में सफल रहा है। संस्थान में न केवल कई नई आधुनिक मेडिकल सुविधाओं की शुरुआत की गई, बल्कि गरीबों और आमजन के लिए 100 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट क्लीनिक भी खोले गए। वैश्विक महामारी कोरोना के पीक पर एम्स के चिकित्सकों ने जिस प्रकार हाई रिस्क जोन में रहते हुए रात-दिन मरीजों का उपचार किया वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में दी जाने वाली सेवा की मिसाल है। यही नहीं समूचे उत्तराखंड के लिए विशेष लाभकारी हेली एंबुलेंस सेवा की परिकल्पना भी इन चार साल में साकार हुई।

एम्स ऋषिकेश की नींव वर्ष 2004 में दो फरवरी को रखी गई थी। तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सुषमा स्वराज ने अस्पताल की नींव रखते हुए कहा था कि भविष्य में एम्स ऋषिकेश राज्यवासियों के लिए वरदान साबित होगा। 27 मई 2013 से यहां ओपीडी की सुविधा शुरू की गई। इसके आठ महीने बाद 30 दिसंबर 2013 से आइपीडी और फिर दो जून 2014 से सर्जरी शुरू होने से उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के मरीजों ने भी एम्स ऋषिकेश पहुंचना शुरू कर दिया।

वर्ष 2016 में पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने जब इस संस्थान के निदेशक का पदभार संभाला तो विषम भौगोलिक स्थिति वाले इस पहाड़ी राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए वह प्रत्येक अवसर पर दृढ़संकल्पित नजर आए। ओपीडी और आइपीडी सुविधाओं में विस्तृत इजाफा करने के साथ-साथ वर्ष 2016 के बाद से एम्स में 100 से अधिक आफ्टरनून क्लीनिक का संचालन शुरू कराया।

वर्ष 2016-2017 के बाद जैसे-जैसे एम्स में स्वास्थ्य सुविधाएं और मेडिकल तकनीकें विकसित होती गई, वैसे-वैसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती गई। नतीजा यह रहा कि पिछले चार साल के सफर के बाद दिसंबर 2020 में आइपीडी मरीजों के इन आंकड़ों में 30 गुना बढ़ोतरी दर्ज हुई। बीते दिसंबर माह के अंत तक यहां आइपीडी मरीज की संख्या एक लाख 49 हजार 118 दर्ज हो चुकी है। जबकि वर्ष 2016-17 तक आइपीडी मरीजों की यह संख्या मात्र पांच हजार 701 ही थी।

कोरोना काल में 2.50 लाख मरीज देखे गए

कोरोना महामारी के दौरान जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से भी लोग भयभीत होने लगे थे, उस दौरान भी एम्स के चिकित्सकों ने फर्ज निभाते हुए कोरोना संक्रमितों का जी-जान से इलाज किया। पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के अनुसार वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण के बुरे दौर में दिसंबर 2021 तक एम्स की ओपीडी में दो लाख 50 हजार सामान्य रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी थी। जिनमें से 29 हजार 299 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर समुचित इलाज किया।

100 से अधिक नए क्लीनिक खुलें

आम नागरिकों और गरीबों की सुविधा के लिए पिछले चार साल के दौरान एम्स में 100 से अधिक नए क्लीनिक खोले गए। इनमें लंग कैंसर, ब्रोनिकल अस्थमा, कार्डिक इलेक्ट्रोफिजियोलाजी, एआरटी, पीडियाट्रिक डेर्मोटोलाजी, सीओपीडी, कार्निया, कास्मेटिक, फीवर, ग्लूकोमा, हार्ट फीलियर, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, स्पेशियल इमेरजंसी मेडिसिन, स्पोर्ट्स इंज्यूरी, स्लीप डिस्आर्डर और सर्जिकल आंकोलाजी क्लीनिक जैसे कई महत्वपूर्ण क्लीनिक शामिल हैं।

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प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि वर्ष 2019 में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना के तहत 15 जनवरी तक 34 हजार 321 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। वर्ष 2016-17 तक एम्स में केवल तीन ही आपरेशन थियेटर थे। लेकिन वर्तमान में यहां 54 आपरेशन थियेटर हैं। अस्पताल में 300 की जगह अब 960 बेड हो गए हैं। वर्तमान में एम्स में 290 फेकल्टी हैं, जबकि पहले यहां केवल 94 फेकल्टी मेंबर ही थे।

अभी तक देखे गए कुल कोविड पेशेंट- 93, 456

अस्पताल में भर्ती किए कोविड पेशेंट- 16,797

अस्पताल में भर्ती किए गए कुल म्यूकर पेशेंट- 405

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बढ़ाई गई प्रमुख सुविधाएं

टेलिमेडिसिन सेवा, संवाद डेस्क, हेली एंबुलेंस सेवा,यलो फीवर, टीकाकरण केंद्र, कोविड टीकाकरण केंद्र, आयुष्मान भारत योजना, गोल्डन कार्ड योजना, एकीकृत ब्रेस्ट केयर सेंटर, एडवांस यूरोलाजी सेंटर, ट्रामा सेंटर, बाईपलैन कैथ इन विट्रो फर्टिलाईजेशन (आइवीएफ) सेंटर, पीएसए आक्सीजन प्लांट।

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