आपदा पीड़ितों के लिए एम्स ने की विशेष तैयारी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आपदा प्रबंधन के मद्देनजर सभी प्रकार से मुस्तैद है और आपदा प्रबंध में हमेशा सहयोग प्रबंधन करता रहेगा।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आपदा प्रबंधन के मद्देनजर सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस है। बड़ी आपदा में यहां डिजास्टर प्रोटोकोल एक्टिवेट हो जाएगा। एम्स प्रशासन एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के संपर्क में है। यह बात एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कही।
उन्होंने बताया कि वर्षाकाल में बाढ़, आपदा में घायलों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में एम्स ट्रामा इमरजेंसी में रेड जोन, येलो जोन व ग्रीन जोन में विस्तरों की संख्या को चार गुना तक बढ़ने का प्रावधान किया गया है,जिससे आपदा प्रभावित मरीजों को उपचार में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आएंगी। निदेशक ने बताया कि वर्षाकाल में जगह जगह भूस्खलन, बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर संस्थान की डिजास्टर टीम एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के संपर्क में है। ऐसे में आपदा में यदि मरीजों की तादाद हद से अधिक बढ़ जाए तो हम अपना डिजॉस्टर प्रोटोकॉल एक्टीवेट कर देंगे। उन्होंने बताया कि संस्थान के ट्रामा सेंटर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा चुका है जो कि प्रो. कमर आजम की अगुवाई में कार्य करने लगा है, जिसमें 20 बेड डे-केयर व आपातकाल के लिए सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान का आउटरीच सेल के चिकित्सक जो कि दूर दराज के इलाकों में मरीजों को नियमित चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं। उनकी बाढ़ ग्रस्त इलाकों पर भी पैनी नजर है। कुछ दिन पहले टिहरी में दुर्घटनाग्रस्त स्कूल वैन में घायल बच्चों को भी एयरलिफ्ट कर एम्स में उपचार के लिए भर्ती किया गया, जिन्हें चिकित्सकीय दल द्वारा मुकम्मल उपचार दिया गया।