कोरोना काल में मनोविकृति के समाधान को प्लेटफार्म दिया एम्स ने

एम्स ऋषिकेश ने कोरोना काल में उत्पन्न मनोविकृति व अन्य समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से दिया। एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रवि कान्त के दिशा निर्देश तथा मार्गदर्शन में सोशल आउटरीच सेल की ओर से ऑनलाइन कम्युनिटी संवाद का आयोजन किया गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 04:09 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 04:09 PM (IST)
कोरोना काल में मनोविकृति के समाधान को प्लेटफार्म दिया एम्स ने
कोरोना काल में मनोविकृति के समाधान को प्लेटफार्म दिया एम्स ने।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने कोरोना काल में उत्पन्न मनोविकृति व अन्य समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से दिया। एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रवि कान्त के दिशा निर्देश तथा मार्गदर्शन में सोशल आउटरीच सेल की ओर से ऑनलाइन कम्युनिटी संवाद का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार, विभागाध्यक्ष पल्मोनरी रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश सिंधवानी व डॉ. संजय अग्रवाल आदि मौजूद थे। एम्स के निदेशक पदमश्री प्रो. रवि कान्त ने कहा कि, एम्स ऋषिकेश कोरोना महामारी के इस कठिन समय में सभी चुनौतियों का सामान करते हुए अपनी पूर्ण सेवाएं दे रहा है। उन्होंने कहा कि आउटरीच सेल का कार्य बहुत सराहनीय है, वह देश के हर समाज के हर कोने तक अपनी सेवाएं देकर मरीजों को गंभीर होने से बचा रहे ही हैं।

राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा एम्स ऋषिकेश इस महामारी के समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम सभी पिछले एक वर्ष से कोरोना से जूझ रहे है, उन्होंने एम्स ऋषिकेश द्वारा ऑनलाइन कम्युनिटी संवाद कि सराहना करते हुए बताया यह जनमानस की सुविधा के लिए एक उत्कृष्ट कार्य है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को एम्स के विशेषज्ञों से पूछ सकता है, और उसका समाधान प्राप्त कर सकता है। एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष ने बताया कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से आप सभी लोगो के लिए एक लिंक जनरेट किया गया था, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को एम्स के विशेषज्ञों से पूछ सकता है, और समाधान प्राप्त कर सकता है।

एम्स ऋषिकेश के प्लेटफार्म पर पूछे गए प्रश्न व उनके समाधान

- सेकंड कोविड-19 वेव के? क्या-क्या सिंपटम्स हैं? कैसे पता लगेगा की यह सिंपटम्स कोविड-19 के? है? या वायरल फीवर के?

- कोविड-19 के कॉमन सिम्पटम्स है बुखार सुकि खांसी थकान, कंजंक्टिवाइटिस, बॉडीपैन, डायरिया, स्मेल न टेस्ट नहीं आना , सिर दर्द है। सीवियर कंडीशन में सास लेने में दिक्कत और चेस्ट पैन होता है। वायरल फीवर है तो आप रेस्ट लें, पैरासिटामोल हर छह घंटे के अंतर पर रात को सोने के आगे, यदि फिर भी आराम न मिले तो आप (आरपीसीआर) टेस्ट करवा लें। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी आपको सिम्पटम्स है तोह अपने आपको आइसोलेट करलें और डॉक्टर से परामर्श कर चेस्ट का (सी-टी स्कैन) करवा सकते है जिसमें कोविड-19 इन्फेक्शन का पता चल सकता है।

- इम्युनिटी को कैसे बूस्ट-अप करें?

- इसके लिए सबसे ज़रूरी है भर पेट खाना खाना जिसमे सात कलर जिसको की रेनबो फ़ूड आइटम्स भी कह सकते है खाने चाहिए, जैसे की दाल, चावल रोटी सब्ज़ी, पत्ते दार सब्ज़ी अवं फ्रूट्स, कम से कम 2-4 लीटर पानी पीएं दिन में फिजिकल एक्टिविटी जैसे की ब्रिस्क वाक, योग, मैडिटेशन या फिर फ्री हैंड एक्सरसाइज करे, आठ घंटे की अच्छी नींद ले।

- क्या वैक्सीनेशन प्रेगनेंसी में लगाया जा सकता है?

- प्रेगनेंसी एवं ब्रैस्ट फीडिंग मदर को वैक्सीन नहीं लगाया जा सकता और कोविड पॉजिटिव होने के कितने दिन बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए?

- कोविड से रिकवरी के बाद आप 4-6 सप्ताह में वैक्सीन लगवा सकते हैं। 

- क्या पहले दिन से एंटी-बायोटिक लेनी चाहिये?

- बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए क्योंकी कोरोना एक वायरल फीवर है, जिसमे प्रारंभिक दिन में एंटी-बायोटिक लेना आवश्यक नहीं है। 

- अगर हम टीका लगाएंगे तो हम कोरोना से संक्रमित नहीं होंगे?

- वैक्सीन लगा लेने से आपको इन्फेक्शन कभी होगा ही नहीं यह नहीं बोला जा सकता, हां वैक्सीन लगने के बाद यदि आपको इन्फेक्शन होता है तो उसकी सेवरिटी बहुत कम होती है और हमें वेंटीलेटर जैसे उपकरणों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, हम घर पर ही क्वारंटाइन रह सकते है और ठीक हो सकते है।

- जो भी होम आइसोलेटेड हैं उन्हें किस तरह का शेड्यूल मेंटेन करना होगा?

- इसमें आप अपनी नियमित दिनचर्या का पालन कर सकते हैं, फ्रूट्स ले सकते हैं, संतुलित आहार ले सकते हैं, ऐसा आहार लें जिससे आपके शारीर को पोषक तत्व मिले, प्रतिदिन दो से तीन लीटर पानी का सेवन करें व खुद को हाइड्रेट रखें। घबराएं नहीं व कोई भी तकलीफ महसूस होने पर चिकित्सक से परामर्श लें।

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