गर्भाशय के कैंसर का शत प्रतिशत उपचार संभव

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में कार्यशाला आयोजित कर महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूक किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 07:03 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 07:03 PM (IST)
गर्भाशय के कैंसर का शत प्रतिशत उपचार संभव
गर्भाशय के कैंसर का शत प्रतिशत उपचार संभव

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में कार्यशाला आयोजित कर महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूक किया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि गर्भाशय कैंसर का शत प्रतिशत उपचार संभव है, बशर्ते महिलाएं सामान्य अवस्था में इसके बचाव के उपायों को अपना सकें।

शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश के स्त्री रोग विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में मरीजों व उनके तीमारदारों को सर्वाइकल कैंसर के कारणों व इससे बचाव के बारे में अवगत कराया गया। स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी व महिला कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी राजाराम ने कहा कि महिलाओं में जागरूकता की कमी के कारण एडवांस सर्वाइकल कैंसर केस अधिक बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए किशोरियों को नौ से 14 वर्ष की उम्र के मध्यम वैक्सीनेशन अनिवार्यरूप से करा लेना चाहिए। साथ ही प्रत्येक महिला को 30 वर्ष से 65 वर्ष के मध्य तीन से पांच साल के समयांतराल में बच्चेदानी के कैंसर की जांच अनिवार्यरूप से करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि एचपीवी वैक्सीनेशन से महिलाओं के प्राइवेट पार्ट का कैंसर, सर्विक्स कैंसर, हैड एंड नैक कैंसर समेत पांच प्रकार के कैंसर की रोकथाम में काफी हद तक मदद मिलती है। उन्होंने महिलाओं को अपनी नियमित जांच कराने की अपील की। उन्होंने बताया कि कई बार सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों का पता नहीं चल पाता है और यह काफी एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है, जिसके बाद इसकी रोकथाम में कई तरह की दिक्कतें आती हैं। इस दौरान ओपीडी में महिलाओं की स्क्रीनिग की गई, जिनमें चार महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पाए गए। इस अवसर पर डॉ. रूबी गुप्ता, डॉ. लतिका चावला आदि मौजूद थे।

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