ऋषिकेश : उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नेता कनक धनाई समेत 33 आंदोलनकारी गिरफ्तार

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कैंप कार्यालय का घेराव करने जा रहा है उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नेता कनक धनाई समेत पुलिस ने 33 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं। सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 01:52 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 10:32 PM (IST)
ऋषिकेश : उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नेता कनक धनाई समेत 33 आंदोलनकारी गिरफ्तार
आंदोलनकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष के कैंप कार्यालय के लिए किया कूच।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश।  क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से 14 सवालों को लेकर आंदोलन कर रहे उत्तराखंड जन एकता पार्टी के कार्यकर्त्‍ताओं और ग्रामीणों ने  गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के कैंप कार्यालय के लिए कूच किया। पुलिस ने कैंप कार्यालय से डेढ़ किमी पीछे ही बैरीकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। जहां प्रदर्शनकारियों ने बैरियर तोड़ने का प्रयास किया मगर, पुलिस ने 33 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। 

गुरुवार को उत्तराखंड जन एकता पार्टी के बैनर तले बड़ी संख्या में कार्यकत्र्ता और ग्रामीण आंदोलनस्थल नेपाली फार्म तिराहे से रैली के साथ ऋषिकेश की ओर चल पड़े। आइडीपीएल चौक से प्रदर्शनकारियों ने पैदल जुलूस के साथ वीरभद्र रोड पर विधानसभा अध्यक्ष कैंप कार्यालय की ओर प्रस्थान किया। दोपहर करीब बारह बजे जैसे ही जुलूस वीरभद्र तिराहे पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। मगर, वह कैंप कार्यालय जाने की जिद पर अड़े रहे। आखिर में प्रदर्शनकारी सड़क पर ही बैठ गए, जहां आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उजपा नेता कनक धनाई ने आंदोलनकारियों को संबोधित करना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस उपाधीक्षक डीसी ढोंडियाल, तहसीलदार अभिनव शाह ने प्रदर्शनकारियों को वापस लौटने की चेतावनी दी। मगर, प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़ने पर आमादा हो गए। पुलिस ने उजपा नेता कनक धनाई समेत 33 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं। इन सभी को आइडीपीएल पुलिस चौकी लाया गया। यहां से सभी को उप जिलाधिकारी वरुण चौधरी के न्यायालय में पेश किया गया। जहां 31 प्रदर्शनकारियों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। जबकि कनक धनाई व संदीप वाष्र्णेय ने मुचलके भरने से इन्कार कर दिया, जिन्हें पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

इन्होंने दी गिरफ्तारी 

कनक धनाई, संदीप वाष्र्णेय, सोम अरोड़ा, गुरमुख ङ्क्षसह, राजेश कुमार सोनी, दीपक चौहान, मोहन ङ्क्षसह सती, मनीष रावत, विकास ङ्क्षसह असवाल, नरेंद्र गुसाई, राम ङ्क्षसह, कपूर सिंह धनाई, विशाल वर्मा, सूरज यादव, किशन सिंह, अरविंद भट्ट, धीरज सिंह, अमित रावत, शान सिंह रागढ़, हिमांशु पंवार, अंकित बिश्नोई, नितिन पोखरियाल, रोशनी धनाई, हीमा देवी, विमला देवी, रेखा देवी, स्वाति नेगी, सुमित्रा राणा, निर्मला देवी, सावित्री देवी, सुनैना कंडियाल, मनु रावत, पुष्पा देवी। 

 मुचलका भरकर रिहा होना आंदोलन का अपमान 

कनक धनाई ने कहा कि हम जन आंदोलन कर रहे हैं कोई नूरा कुश्ती नहीं। हमारी नजर में मुचलका भरकर रिहा होना आंदोलन का अपमान है। उन्होंने कहा कि हम जनता की आवाज उठाकर कोई अपराध नहीं कर रहे हैं, इसलिए मुचलके भरकर रिहा होना जनता और आंदोलन का अपमान होगा। धनाई ने कहा कि अब तक के आंदोलन में यही होता आया है कि धरना प्रदर्शन करो, गिरफ्तारी दो और मुचलके पर रिहा हो जाओ। ऐसे आंदोलन का हश्र अच्छा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हम बताना चाहते हैं कि हकीकत में जन आंदोलन किसे कहते हैं। इसलिए हमें गिरफ्तार होना मंजूर है मुचलके भरना नहीं।

कोतवाली पुलिस ने दोनों आंदोलनकारियों का चिकित्सीय परीक्षण कराया। गुरुवार देर सायं इन्हें राजकीय चिकित्सालय में कोरोना जांच के लिए ले जाया गया। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि दोनों आंदोलनकारियों को यहां से जिला कारागार देहरादून भेजा जा रहा है।

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