वन भूमि हस्तांतरण में कोताही पर प्रतिकूल प्रविष्टि

प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित मामलों में देरी अब सहन नहीं की जाएगी और इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 03:01 AM (IST)
वन भूमि हस्तांतरण में कोताही पर प्रतिकूल प्रविष्टि
वन भूमि हस्तांतरण में कोताही पर प्रतिकूल प्रविष्टि

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित मामलों में देरी अब सहन नहीं की जाएगी और इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय होगी। वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने मंगलवार को भूमि सर्वेक्षण निदेशालय के निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावक विभाग से लेकर प्रत्येक स्तर पर किसी भी कोताही पर संबंधित अधिकारी की वार्षिक चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।

वन मंत्री डॉ.रावत मंगलवार को दोपहर बाद इंदिरानगर स्थित भूमि सर्वेक्षण निदेशालय पहुंचे और नोडल अधिकारी मनोज चंद्रन से वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े मामलों की जानकारी ली। बताया गया कि वन भूमि हस्तांतरण के 1166 मामले ऑनलाइन फाइल हुए थे। इनमें से 750 क्लीयर हो चुके हैं। अलबत्ता, 250 प्रस्तावक विभागों के स्तर पर लंबित हैं, जबकि शेष 166 मामले वन विभाग, राज्य व केंद्र सरकारों के स्तर पर प्रक्रियाधीन हैं। मंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि ऑफलाइन आए प्रस्तावों में से केवल 11 का ही निस्तारण होना बाकी है।

वन मंत्री ने निर्देश दिए कि वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित मामलों में प्रस्तावक विभाग से लेकर वन विभाग के स्तर तक जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रकरणों का निस्तारण न करा पाने के बारे में संबंधित अधिकारियों से कारण पूछा जाए। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनकी वार्षिक चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि का प्रस्ताव भेजा जाए।

उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण से जुड़े प्रकरणों में सैद्धांतिक व विधिवत स्वीकृति होने पर शर्ताें का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने भूमि सर्वेक्षण निदेशालय में रिक्त चल रहे वन संरक्षक, उप निदेशक व सहायक वन संरक्षक के पदों को भरे जाने के मद्देनजर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिए।

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