उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को 21 से मिल सकती है इजाजत, रोमांच के शौकीनों को है बेसब्री से इंतजार
Adventure Tourism कोरोना संकट के कारण राज्य में बंद पड़ी साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को 21 सितंबर से इजाजत मिल सकती है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Adventure Tourism कोरोना संकट के कारण राज्य में बंद पड़ी साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को 21 सितंबर से इजाजत मिल सकती है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने होमवर्क पूरा कर लिया है। रिवर राफ्टिंग के मद्देनजर गंगा में जल स्तर का परीक्षण कराया जा चुका है। अब प्रदेश की नजरें केंद्र सरकार की ओर से साहसिक पर्यटन और वॉटर स्पोर्ट्स को लेकर जारी होने वाली गाइडलाइन पर टिकी हैं।
उत्तराखंड की आर्थिकी में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन कोरोना संकट के कारण मार्च से पर्यटन की सभी गतिविधियां ठप हैं। साहसिक पर्यटन गतिविधियां भी शुरु नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग, हाइकिंग, बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक पर्यटन की गतिविधियों से जुड़े व्यक्तियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उत्तराखंड की वादियों में रोमांच के शौकीनों को भी निराश होना पड़ रहा है।
हालांकि, अनॅलाक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद से सरकार साहसिक पर्यटन को खोलने के मद्देनजर तैयारियां में जुट गई थी और अब इस सिलसिले में पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। अब इंतजार है तो केंद्र की गाइडलाइन का। असल में अनलॉक-4 में 21 सितंबर तक साहसिक पर्यटन और वॉटर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियों पर रोक है। ऐसे में माना जा रहा कि रविवार अया सोमवार को केंद्र इसकी गाइडलाइन जारी कर सकता है।
उधर, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि रिवर राफ्टिंग के मद्देनजर तकनीकी कमेटी से गंगा के पानी के लेवल का परीक्षण करा लिया गया है। अब पानी भी साफ हो गया है और राफ्टिंग के लिए स्थिति अनुकूल है। साहसिक पर्यटन की अन्य गतिविधियों के लिए भी तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के आधार पर ही राज्य में साहसिक पर्यटन गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।