घर-घर जाकर छात्रों को प्रवेश दे रहे शिक्षक

विकासनगर राजकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अधिक से अधिक प्रवेश को घर-घर शिक्षक पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 02:33 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 02:33 AM (IST)
घर-घर जाकर छात्रों को प्रवेश दे रहे शिक्षक
घर-घर जाकर छात्रों को प्रवेश दे रहे शिक्षक

जागरण संवाददाता, विकासनगर: राजकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अधिक से अधिक प्रवेश को लेकर शिक्षक मुहिम चला रहे हैं। राइंका छरबा के शिक्षकों ने प्रवेशात्सव के तहत घर-घर जाकर छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाए। शिक्षकों ने कोविड नियमों का पालन कर सेवित क्षेत्र में ग्रामीणों को अपने बच्चों का प्रवेश सरकारी विद्यालयों में कराने के लिए जागरूक किया।

सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या घटने से शिक्षक और विभागीय अधिकारी परेशान हैं। राजकीय इंटर कॉलेज छरबा के शिक्षकों ने विद्यालय के सेवित क्षेत्र में घर-घर जाकर प्रवेश लेने के लिए छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को प्रेरित किया। कक्षा छह से नौ तक के बच्चों के प्रवेश घर जाकर किए जा रहे हैं। हालांकि विद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए 30 अप्रैल तक बंद कर दिए गए हैं। अभिभावकों व छात्र-छात्राओं को कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए भी जागरूक किया गया। कॉलेज की एनएसएस इकाई के कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र सिंह बुटोइया ने बताया कि नशा मुक्त उत्तराखंड-संस्कार युक्त उत्तराखंड अभियान के तहत युवाओं और छात्र-छात्राओं से नशा न करने की अपील की गई। इसके साथ ही ग्रामीणों को विवाह या किसी अन्य समारोह में शराब पार्टी का आयोजन न करने का आग्रह किया। जागरूकता के बाद ग्रामीणों से संकल्प पत्र भी भरवाए। सेवित क्षेत्र अंतर्गत खुशहालपुर घमोलो में वार्ड सदस्य असलम खान और सदस्य क्षेत्र पंचायत अशफाक राव के साथ अनूप कुमार अग्निहोत्री व बुटोइया ने संपर्क अभियान चलाया। दूसरी ओर शिवप्रसाद खंतवाल व मनोज रावत ने संपर्क अभियान चलाकर कई छात्र-छात्राओं को उनके घर पर ही प्रवेश दिया। हस्ताक्षर युक्त प्रवेश फार्म विद्यालय में जमा कराए।

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विद्यार्थियों को दिलवाई पुस्तकें

विकासनगर: राजकीय इंटर कॉलेज छरबा में शिक्षकों ने पहल करते हुए परीक्षाफल वितरण के साथ ही छात्र-छात्राओं से उनकी पिछली कक्षा की पुस्तकें विद्यालय में मंगवा कर निचली कक्षा के छात्र-छात्राओं को वितरित की। प्रधानाचार्य रामबाबू विमल की पहल पर यह प्रयास शुरू किया गया। कई छात्रों को पुस्तकें मिलने में परेशानी होती थी, इसलिए विद्यालय में ही पुस्तके मंगवा कर दूसरे छात्रों को प्रदान की जा रही है। इससे सभी छात्रों को एक दूसरे के लिए कार्य करने की प्रवृत्ति जागृत हो रही है। विद्यालय में आयुष छेत्री, मनीष कुमार, कोमल, अंजलि, प्रियंका, सालू, सूरज, हर्ष कुमार, रचित कुमार, निखिल राज पुन, अमित कुमार, समीर खान, हर्ष वर्मा, तमन्ना, अंशिका, तरु आदि छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में पुस्तकें लाकर दी। अपनी नई कक्षा की पुस्तकें पाकर बच्चे उत्साहित नजर आए। इस अवसर पर मोहिनी यादव, संगीता खत्री, शत्रुघन सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।

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