कोर्ट के आदेश में उलझी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई

चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में कांजी हाउस की जमीन पर से अतिक्रमण हटाने में नगर निगम टीम एक बार फिर विफल रही। इस बार संबंधित दुकानदार ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर कार्रवाई का विरोध किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:48 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:48 PM (IST)
कोर्ट के आदेश में उलझी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई
कोर्ट के आदेश में उलझी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:

चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में कांजी हाउस की जमीन पर से अतिक्रमण हटाने में नगर निगम टीम एक बार फिर विफल रही। इस बार संबंधित दुकानदार ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर कार्रवाई का विरोध किया। दुकानदार के पक्ष में कुछ पार्षद और स्थानीय लोग मौके पर प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए। उसके बाद टीम मौके से वापस लौट गई। नगर निगम प्रशासन के मुताबिक पर्याप्त पुलिस फोर्स मिलने के बाद इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा।

अपर आयुक्त गढ़वाल हरक सिंह रावत ने बीते मंगलवार को नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने कांजी हाउस की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को नगर निगम, तहसील प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची। जैसे ही टीम में यात्रा अड्डे में बनी रतूड़ी टी स्टाल दुकान को हटाने की कार्रवाई शुरू की तो स्थानीय लोग इसका विरोध करने लगे। दुकानदार के पक्ष में क्षेत्रीय पार्षद चेतन चौहान के साथ अन्य पार्षद देवेंद्र प्रजापति, शिव कुमार गौतम, राजेश कुमार,सुमित पंवार भी मौके पर पहुंच गए। साथ ही संयुक्त रोटेशन के पूर्व अध्यक्ष सुधीर राय भी अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंच कर नगर निगम की इस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान दुकान स्वामी नरेंद्र रतूड़ी ने मौके पर अपने वकील को बुला लिया। एक घंटे तक दोनों पक्षों के बीच इसको लेकर तिखी नोकझोंक हुई। दुकानदार का कहना था कि इस मामले में उसने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर न्यायालय ने 24 दिसंबर 2020 को आदेश जारी कर सिविल कोर्ट को छह माह के भीतर मामले को निस्तारित करने के लिए कहा था। मामला अभी विचाराधीन है उसके बावजूद नगर निगम निर्माण को तोड़ने की जिद पर अड़ा है।

मौके पर मौजूद सहायक नगर आयुक्त एलम दास ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सिविल न्यायालय को छह माह के भीतर वाद निस्तारित करने के लिए कहा था। जून माह में यह अवधि समाप्त हो चुकी है। इसलिए अब न्यायालय का कोई आदेश इस मामले में लागू नहीं होता है। दुकानदार के अधिवक्ता ने नगर निगम प्रशासन से इस मामले में न्यायालय के आदेश दिखाने को कहा। नगर निगम अधिकारी पूर्व के आदेश की व्यवस्था को ही मानने की बात पर अड़े रहे। विरोध बढ़ता देख और पुलिस बल कम होने के कारण नगर निगम की टीम बिना कार्रवाई के वापस लौट गई। अतिक्रमण हटाने वाली टीम मे टीम में नायब तहसीलदार विजय पाल सिंह चौहान, वरिष्ठ उप निरीक्षक मनमोहन सिंह नेगी, त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी उत्तम रमोला, कर अधीक्षक निशात अंसारी, कर निरीक्षक भारती सिंह आदि शामिल थे। यह है दुकान का मामला

चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में जहां पूर्व में कांजी हाउस बना था उस जगह पर एक व्यक्ति ने अपनी दुकान खोल दी। नगर निकाय की ओर से इसे अतिक्रमण घोषित करते हुए कई मर्तबा नोटिस जारी किए गए। साथ ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर रस्म अदायगी भी हुई। चार वर्ष पूर्व दुकानदार ने नगर पालिका के खाते में 17 लाख 50 लाख जमा करा दिए। निकाय प्रशासन के मुताबिक इस तरह की धनराशि जमा कराने का कोई आदेश संबंधित व्यक्ति को नहीं दिया गया था। तभी से इस धनराशि का मामला भी लंबित है।

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उच्च न्यायालय ने सिविल न्यायालय में वाद के निस्तारण की जो अवधि निर्धारित की थी, वह निकल चुकी है। इसलिए नगर निगम प्रशासन हर हाल में अतिक्रमण को हटाएगा। इसके लिए शीघ्र ही पर्याप्त संख्या में पुलिस फोर्स की व्यवस्था की जाएगी।

- नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, नगर आयुक्त, नगर निगम ऋषिकेश

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